कोहली U19 WC जीतने के बाद भारतीय टीम में आ गए
नई दिल्ली। भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम ने यश ढुल की कप्तानी में साल 2022 में अंडर 19 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। ये पांचवां मौका था जब भारत ने अंडर 19 वर्ल्ड कप खिताब जीता। यश ढुल से पहले, मो. कैफ, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद और पृथ्वी शा ने ये कमाल किया था। मो. कैफ ने सबसे पहले अपनी कप्तानी में अंडर 19 टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था जबकि विराट कोहली ने साल 2008 में ये कमाल किया था। इसके बाद अन्मुक्त चंद ने साल 2012 और फिर पृथ्वी शा ने साल 2018 में ये कमाल किया था।
अब तक अंडर 19 वर्ल्ड कप खिताब जीतने वाले कप्तानों की बात करें तो विराट कोहली सबसे सफल नजर आते हैं। मो. कैफ ने भी भारत का लिए काफी इंटरनेशनल मैच खेले तो वहीं पृथ्वी शा भी भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं, और फिलहाल टीम से बाहर चल रहे हैं, लेकिन उनके जैसा टैलेंटेड खिलाड़ी ज्यादा दिनों तक टीम से दूर नहीं रह सकता। यश ढुल ने अभी-अभी खिताब जीता है और उनका करियर अभी आगे जाना है, लेकिन उन्मुक्त चंद जिन्होंने भारत को साल 2012 में अंडर 19 वर्ल्ड चैंपियन बनाया था वो भारतीय टीम में चुने तक नहीं गए। बाद में उन्होंने भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
अब पूर्व भारतीय बल्लेबाज निखिल चोपड़ा ने विराट कोहली और उन्मुक्त चंद की तुलना की और बताया कि आखिर वो क्या वजह रही जिससे कोहली इतने सफल रहे जबकि चंद कहीं के नहीं रहे। कोहली और चंद दोनों ही दिल्ली के हैं, लेकिन एक बेहद सफल रहा दूसरा बेहद असफल जबकि दोनों ने ही भारत को अंडर 19 वर्ल्ड कप खिताब दिलाया। निखिल चोपड़ा ने इसका कारण बताते हुए खेल नीति के यूट्यूब चैनल पर कहा कि कोहली अपने फार्म को सीनियर स्तर तक ले जाने में सक्षम रहे, जबकि चंद इसे पूरा करने में असफल रहे।
निखिल चोपड़ा ने कहा कि अंडर 19 क्रिकेट से रणजी ट्राफी में ट्रांजिशन एक अहम चरण है। एक लड़के से आप एक पुरुषों की लीग में शामिल होते हैं। वहां आपका अंडर 19 का फेज खत्म हो जाता है और फिर आपको अपने उस फार्म को वहां पर भी बरकरार रखने की जरूरत होती है। कोहली ऐसा करने में सफल रहे, लेकिन उन्मुक्त चंद ऐसा नहीं कर पाए और नतीजा भी सामने रहा।
अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतकर विराट कोहली दिल्ली के लिए खेले। उन्होंने वहां भी काफी रन बनाए। प्रारंभिक चयन के बाद उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन घरेलू क्रिकेट में स्कोर करने के बाद उन्हें फिर से चुना गया। इसके विपरीत, उन्मुक्त चंद अंडर 19 क्रिकेट की अपनी सफलता को घरेलू क्रिकेट में जारी नहीं रख सके। वह एक असाधारण प्रतिभा थे, लेकिन उसे बड़े लेवल पर साबित नहीं कर पाए।