आधार डाटा से छेड़छाड़ करने वालों की खैर नहीं, GPS से होगी डिवाइसेस की निगरानी

नई दिल्लीः अब बैंक, डाकघर एवं सरकारी केंद्रों से बाहर आधार कार्ड बनाने वालों की खैर नहीं। भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) आधार बनाने वाले सभी पंजीकृत उपकरणों की निगरानी जीपीएस से कर रहा है। अगर किसी भी मशीन का प्रयोग निर्धारित केंद्र से बाहर हुआ, तो वह प्राधिकरण की निगाह में आ जाएगा और उन पर आपराधिक कार्रवाई के साथ विभिन्न कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
केंद्रों के बाहर बन रहे हैं आधार कार्ड
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद, देश के कुछ हिस्सों में सरकारी केंद्रों से इतर आधार बनाने की गतिविधियों के खिलाफ हाल में कार्रवाई हुई थी। इस पर यू.आई.डी.ए.आई. (प्राधिकरण) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एबी पांडेय का कहना है कि प्राधिकरण इस मामले में बहुत सख्त है और कड़ी निगरानी के लिए नित नए कदम उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश के लोगों से मेरी अपील है कि वे सिर्फ बैंकों, डाकघरों और सरकारी परिसर स्थित केंद्रों से ही आधार बनवाएं या उसमें कोई बदलाव करवाएं। आधार के निर्माण या उसमें बदलाव के लिए कोई भी निजी परिसर वैध नहीं है। उन सभी को भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मद्देनजर बंद कराया जा चुका है।
अब तक 121 करोड़ आधार कार्ड बने
उन्होंने कहा कि 121 करोड़ लोगों के आधार देशभर में बन चुके हैं। अब ज्यादातर 5 साल से छोटे बच्चों के आधार का निर्माण शेष है। सीईओ पांडेय ने कहा कि सब्सिडी वाली सारी योजनाओं में अब तक 90,000 करोड़ रुपए आधार के जरिए बचाए जा चुके हैं।
Uidai को शिकायत कर सहायता
फर्जी आधार के निर्माण के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम अपनी तरह से पूरी सतर्कता बरत रहे हैं। राज्यों से लगातार हमारी चर्चा होती है। ऐसे में नागरिक भी यह जान लें कि सिर्फ बैंक, डाकघर और सरकारी परिसर स्थित केंद्रों में ही आधार बनवाएं। अगर उन्हें किसी निजी परिसर में आधार केंद्र दिखाई दे, तो वह सीधे यू.आई.डी.ए.आई. को शिकायत कर सहायता करें।