वीवो नहीं दिखा रहा फिर से IPL टाइटल स्पॉन्सरशिप लेने में दिलचस्पी, जानें BCCI को कैसे हो सकता है फायदा
इंडियन प्रीमियर लीग ( आईपीएल) के 14वें सीजन के लिए स्पॉन्सरशिप को लेकर लगातार सस्पेंस बना हुआ है। खबरों के अनुसार वीवो आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर इस साल भी लौटने के मूड़ में नहीं है और वह राइट्स को बेचने के लिए किसी ब्रांड की खोज कर रहा है।पिछले साल भारत और चीन के बीच बिगड़ते संबंधों के चलते वीवो ने अपने बजट का हवाला देते हुए यूएई में खेले गए आईपीएल 2020 के स्पॉन्सरशिप से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे और ड्रीम इलेवन ने 222 करोड़ में आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप को खरीदा था। हालांकि, अगर वीवो स्पॉन्सरशिप के राइट्स को ट्रांसफर करता है तो चीन की इस कंपनी को बीसीसीआई को 5 प्रतिशत असाइनमेंट फीस चुकानी पड़ सकती है।
वीवो ने साल 2018 में आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के राइट्स को पांच सालों के लिए खरीदा था, लेकिन दो सीजन के बाद साल 2020 में भारत और चीन के बीच बिगड़ते हालातों के बाद वीवो आईपीएल 2020 में टाइटल स्पॉन्सर से एक साल के लिए हट गया था। इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार वीवो ने राइट्स को लेकर कहा, ‘पिछले साल की टाइटल राइट्स की रकम को देखते हुए, जहां ड्रीम इलेवन ने 222 करोड़ में टाइटल स्पॉन्सरशिप के राइट्स को खरीदा, वीवो को यह एहसास हुआ कि हमने सही वैल्यू से काफी ज्यादा पैसे दिए। तो वीवो ने अपनी मीडिया एजेंसी ग्रुपएम से नया खरीददार खोजने के लिए कहा है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इस पर बात करते हुए कहा, ‘बीसीसीआई की इस पर वीवो से कोई बातचीत नहीं हुई है। पिछले साल हालात कुछ अलग थे, लेकिन आगे देखते हुए बोर्ड पूरी रकम की उम्मीद कर रहा है। गवर्निंग काउंसिल फैसला लेगा अगर वीवो किसी ऑफर के साथ आता है तो, लेकिन कोई भी टेंडर नहीं होगा। यह समझा जा रहा है कि वीवो और बीसीसीआई के कॉन्ट्रेक्ट में 5 प्रतिशत असाइमेंट फीस मौजूद है, जिसके तहत टाइटल स्पॉन्सरशिप को ट्रांसफर करने पर वीवो को हर साल 22 करोड़ रुपए बीसीसीआई को देने होंगे। जिसके चलते ओवरऑल कॉन्ट्रेक्ट की कीमत 66 करोड़ और बढ़ जाएगी और बीसीसीआई को काफी फायदा होगा।