उपराष्ट्रपति ने भी मंगाई थी वजन कम करने की दवा, हो गए ठगी का शिकार
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नई दिल्लीः अक्सर अखबरों और टीवी पर ठगी से शिकार लोगों के बारें देखा और पढ़ा जाता है। कई बार टीवी ओर अखबरों में गुमराह करने वाले विज्ञापनों में कई तरह के वादे किए जाते हैं, जिसमें कई लोग फंस जाते हैं। इस ठगी के शिकार से देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी नहीं बच सके। वो भी गुमराह करने वाले विज्ञापनों के जाल में फंस गए थे और ठगी का शिकार हो गए थे।
वैंकेया नायडू ने खोला राज
ये बात खुद वैंकेया नायडू ने राज्यसभा में बताई। दरअल, शुक्रवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी सांसद नरेश अग्रवाल ने गुमराह करने वाले विज्ञापनों का मुद्दा उठाया तो पर राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने भी चिंता जताई।
जल्द बनेगा नया कानून
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चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे विज्ञापनों के लिए कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री को उन्होंने भी लेटर लिखा है। उप-राष्ट्रपरति के मुताबिक ये विज्ञापन असलियत से कोसों दूर होते हैं। एक घटा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने भी 28 दिन में वजन घटाने का विज्ञापन देखा और ऑर्डर किया था। उस वक्त इसकी कीमत 1230 रुपए थी। लेकिन जब मैंने पैकेट खोला तो उसमें असली दवा मंगाने के लिए 1 हजार रुपए और रुपए देने के लिए कहा गया था। मैंने पूरे मामले की जानकारी जुटाई तो पता चला कि ये सब अमेरिका से हो रहा है।”
नरेश अग्रवाल ने उठाया था मुद्दा
राज्यसभा में जीरो ऑवर में नरेश अग्रवाल ने भ्रम फैलाने वाले विज्ञापनों के साथ-साथ खाने-पीने की चीजों में मिलावट का मुद्दा उठाया। सासंद ने फेक चीजों पर शिकंजा कसाने की मांग की। इन सवालों के जवाब में पासवान ने राज्यसभा में जवाब दिया।
रामविलास पासवान ने दिया जवाब
कंज्यूमर अफेयर मिनिस्टर रामविलास पासवान ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कंज्यूमर अफेयर प्रोटेक्शन एक्ट 31 साल पुराना है और इसे बदलने की जरूरत है। मंत्री का कहना था कि “इसके लिए लोकसभा में नया बिल पेश किया था, लेकिन उसको स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया। हमने कमेटी के सुझाव बिल में शामिल कर लिए हैं। इसे कैबिनेट की भी मंजूरी मिल गई है। जल्द ही बिल को संसद में पेश करेंगे।”