नवंबर तक करना होगा इंतजार सस्ती होंगी सब्जियां
मंडी व्यापारी बढ़ी हुई सब्जियों के दामों से नवंबर तक राहत की उम्मीद जता रहे हैं।दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के दाम लगातार ऊंचे बने हुए हैं।हरी सब्जियों के भाव भी नीचे नहीं आ रहे। वहीं, मंडी से खुदरा बाजार में आते-आते इनके दाम में दोगुना तक अंतर देखने को मिल रहा है। टमाटर के भाव जून महीने से चढ़े हुए हैं, तो पिछले दो महीनों में आलू-प्याज के दामों में भी दोगुने तक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में इन दिनों आम आदमी की थाली से सब्जियों की दूरी और बढ़ गई है।
दिल्ली का हाल: मंडी से दोगुने दाम पर बिक रहा आलू
सितंबर के पूरे महीने सब्जियों के दाम नीचे नहीं आए हैं। राजधानी में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी बनी हुई है। थोक मंडी में 25 रुपये प्रति किलो के भाव में बिक रहा आलू खुदरा बाजार में 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। व्यापारियों के अनुसार, सब्जियों के बढ़े दामों से नवंबर से पहले राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।
आजादपुर मंडी समिति के अध्यक्ष आदिल अहमद खान के मुताबिक आलू के दामों से राहत पाने के लिए दिल्ली वालों को नंवबर तक इंतजार करना पड़ेगा। अभी आलू की जो आवक हो रही है। वह कोल्ड स्टोरेज की हो रही है। बंदी के दौरान किसान भी आलू की स्टोरेज ठीक से नहीं कर पाए हैं। इस वजह से दाम बढ़े हैं। ऐसे में आलू के दाम नई फसल के आने के बाद ही कम होंगे। नवंबर के महीने में नई फसल आएगी, जिसके बाद आलू के दाम नीचे आएंगे।
प्याज और महंगा हो सकता
दिल्ली वालों के लिए प्याज आने वाले दिनों में और महंगा हो सकता है। प्याज के दामों में 30 फीसद तक उछाल की संभावना मंडी के आढ़ती जता रहे हैं। मंडी प्रशासन भी इस बात से सहमत है। गाजीपुर मंडी समिति के अध्यक्ष एसपी गुप्ता के अनुसार आने वाले दिनों में प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। प्याज के दामों में यह बढ़ोतरी आवक कम होने पर होगी। अभी तक जो जानकारी मिल रही हैं, उसके तहत दक्षिण भारत में प्याज की फसल खराब हो गई है। अब नासिक और इंदौर से प्याज आना है। ऐसे में प्याज के मंडी में जो थोक भाव 30 रुपये किलो हैं, वह 40 रुपये प्रतिकिलो तक हो सकता है।
10 दिन बाद कम होने लगेंगे हरी सब्जियों के दाम
सब्जियों के दाम आम आदमी के बजट में भले ही नवंबर से आने शुरू हों, लेकिन हरी सब्जियों और टमाटर के दामों में आने वाले 10 दिनों में गिरावट शुरू हो जाएगी। आजादपुर मंडी समिति के अध्यक्ष आदिल अहमद खान के मुताबिक बारिश की वजह से हरी सब्जियों के दामों पर असर पड़ा है। अब बरसात का च्रक बीतने के साथ ही नई फसल तैयार हो गई है। इसकी पहली आवक 10 दिनों में मंउी में आनी शुरू हो जाएगी। टमाटर की भी नई आवक इन 10 दिनों में आने की उम्मीद है। इस वजह से हरी सब्जियों व टमाटर के दामों में 10 दिनों के बाद गिरावट दर्ज की जा सकती है।
गाजियाबाद: खुदरा और थोक भाव में बड़ा अंतर
ट्रांस हिंडन में पिछले एक महीने से सब्जी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। वहीं, थोक और खुदरा के भाव में भी बड़ा अंतर है। कारोबारी इसकी वजह मानसून होने के कारण सब्जियों के रखरखाव और आवक प्रभावित होना मान रहे हैं। इसी वजह से सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले आलू, प्याज और टमाटर के भाव कम नहीं हो रहे हैं। टमाटर थोक मंडी में ही 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है। जबकि फुटकर में 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। इसी तरह प्याज और आलू भी महंगे बने हुए हैं। गोभी फुटकर में 100 रुपये किलो से ज्यादा के दाम पर बिक रही है। साहिबाबाद सब्जी मंडी के आढ़ती राजकुमार ने बताया कि मंडी में आलू हापुड़, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, चंदौसी और गजरौला से आ रहे हैं। प्याज सबसे ज्यादा नासिक से आता है वहीं टमाटर शिमला और बेंगलुरू से आ रहा है। साहिबाबाद सब्जी मंडी के आढ़ती राजकुमार ने बताया कि पिछले दिनों बारिश होने की वजह से फसल खराब हो गई थी। इस कारण मंडी में आलू, प्याज, टमाटर सहित अन्य सब्जियों की आवक में कमी आई है। मंडी में एक महीने पहले की अपेक्षा बहुत कम माल आ रहा है।
नोएडा : दोगुनी कीमत पर बिक रहे आलू, प्याज
नोएडा फेस दो स्थित मंडी में मार्च, अप्रैल के मुकाबले आलू, प्याज और टमाटर के दामों में दो गुना तक बढ़ोतरी हुई है। जबकि, अन्य सब्जियों के दामों में भी मामूली इजाफा हुआ है। सेक्टर-88 स्थित फेस-दो सब्जी फल मंडी गौरतमबुद्धनगर की सबसे बड़ी मंडी है। यहां आलू, टमाटर और प्याज के भाव में पिछले दो से तीन माह में दो गुना तक बढ़ गए हैं। आलू का थोक भाव 26 से लेकर 32 रुपये प्रति किलो तो प्याज का दाम 28 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। यह इस साल का सर्वाधिक है। यही कारण है कि शहर की सोसायटियों और स्थानीय मंडियों में 40 रुपये से लेकर 50 प्रति किलो तक आलू और प्याज की बिक्री हो रही है।
आढ़त कारोबारी जुनैद ने बताया कि मंडी में स्थानीय आलू, टमाटर और प्याज की आवक कम हो गई है। अब राजस्थान, महाराष्ट्र, हल्द्वानी, हिमाचल से इसकी पूर्ति की जा रही है। मार्च माह में आलू का थोक भाव 10 से 12 रुपये प्रति किलो था। अब थोक दाम दोगुने से ज्यादा बढ़ चुके हैं। गोभी मार्च माह की तुलना में चार गुना तक महंगी हो चुकी है। यही कारण है 15 से 20 रुपये प्रतिकिलो में बिकने वाली गोभी 40 से 60 रुपये में थोक भाव में बिक रही है। सब्जी मंडी एसोशिएशन के अध्यक्ष मांगेराम शर्मा ने बताया कि आवक में कमी आने से दाम प्रभावित हुए हैं। अक्तूबर के अंत तक में टमाटर, आलू प्याज के नई पैदावार मार्केट में आना शुरू हो जाएगी। नवंबर से दामों में कमी आएगी। इसके अलावा हरी सब्जियां भी बाजार में आ जाएंगी।
गुरुग्राम : कर बढ़ने से दामों में उछाल
गुरुग्राम में पड़ोसी राज्यों से आ रही महंगी सब्जियों से खांडसा मंडी में भी सब्जी मंहगी हो गई है। गुरुग्राम शहर की मंडियों में 10 से 15 रुपये प्रति किलो खुदरा भाव अधिक है।खांडसा रोड स्थित सब्जी मंडी के थोक विक्रेता जयपाल सैनी ने कहा कि सब्जियों की कीमत में लगातार इजाफा होने का मुख्य वजह कर भी है। पहले एक प्रतिशत कर लगता था। अब बिक्री का दो प्रतिशत कर लिया जा रहा है। अभी सब्जियों की आवक कम हो रही है। आवक कम होगी और भाव पर असर पड़ेगा। आलू की रोपाई भी शुरू हो रही है, इसलिए कीमत भी बढ़ रही है।
मंडी एसोसिएशन प्रधान इंद्र सिंह ठाकरान ने कहा कि सर्दियों के शुरू होने के बाद सब्जियां सस्ती होंगी। पिछले महीने आलू 15-20 रुपये किलो बिक रहा था, अब वह भी 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव है। इसके अलावा अन्य सब्जियों के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। मंडी सचिव विनय यादव ने कहा कि पहले सब्जियों पर एक प्रतिशत का कर आढ़तियों को लगाते थे। पिछले महीने से दो प्रतिशत कर लगना शुरू हो गया। कुछ बाहरी सब्जियों की आवक कम होने से भाव बढ़ गए है। सर्दी शुरू होते ही हरी सब्जियों के दाम कम हो जाएंगे।
फरीदाबाद: गोभी पांच गुना महंगी हुई
फरीदाबाद जिले में अप्रैल माह के मुकाबले आलू-प्लाज और टमाटर के थोक और खुदरा भाव दोगुना से भी ज्यादा हो चुके हैं। वहीं, गोभी का भाव अप्रैल के पांच से 15 रुपये प्रति किलो की तुलना में पांच गुना बढ़ चुका है।डबुआ सब्जी मंडी जिले की सबसे बड़ी मंडी है। इसी मंडी का सेक्टर-16ए में यार्ड है। यहां भी मंडी लगती है। आम जरूरत की सब्जियों में आलू, प्याज और टमाटर शामिल हैं। मौजूदा समय में इन तीनों सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं। पिछले दो माह से इनके दाम कम नहीं हो रहे हैं।
सब्जी के कारोबार से जुड़े दीपक वधावन ने बताया कि अक्टूबर माह से इन सब्जियों के दाम कम होने शुरू हो जाएंगे। अगले माह तक पंजाब से आलू आ सकता है। प्याज का निर्यात बंद होने से प्याज के दाम भी और कम हो जाएंगे। अगले माह से आलू और गोभी के दामों में गिरावट आने की उम्मीद है।सब्जी कारोबारियों का कहना है कि आलू की लोकल एरिया की फसल खत्म हो चुकी है। यहां आलू हल्द्वानी और महाराष्ट्र से आ रहा है। इसी तरह प्याज राजस्थान और महाराष्ट्र से आ रही है। टमाटर भी हिमाचल और महाराष्ट्र से आ रहा है। इस कारण भी कीमतों में अंतर है।
तीन प्रमुख कारण
1. कई स्थानों पर बारिश के कारण फसल खराब हो जाने से आपूर्ति प्रभावित
2. आलू की रोपाई का सीजन शुरू होने से कीमत बढ़ी
3. नई फसल आने तक आवक में कमी बने रहेगी