PAK से पूछकर भारत को डिफेंस टेक्नोलॉजी दे US:पाकिस्तान ने कहा- हमारी सुरक्षा खतरे में, मजबूरी में जवाबी कार्रवाई करनी होगी
डिफेंस सेक्टर में भारत और अमेरिका के हालिया समझौतों पर पाकिस्तान ने सख्त ऐतराज जताया है। पाकिस्तान के मुताबिक-भारत को फाइटर जेट इंजन, ड्रोन्स और टेक्नोलॉजी देने से पहले अमेरिका को उससे (पाकिस्तान से) बातचीत करनी चाहिए थी।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने इशारों ही इशारों में अमेरिका को एक तरह से धमकी भी दे डाली। उसने कहा है कि अगर अमेरिका ने यही रवैया जारी रखा तो फिर पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते चार दिन के अमेरिका दौरे पर गए थे। इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई बेहद अहम डिफेंस पैक्ट हुए थे। इसको लेकर पाकिस्तान सरकार और फौज काफी परेशान नजर आ रही है।
पाकिस्तान ने अमेरिका से क्या कहा
पाकिस्तान ने जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन से सीक्रेट डिप्लोमैटिक कॉन्टैक्ट किया है। इस बात का खुलासा पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने गुरुवार को किया। उसने इस बारे में एक डीटेल्ड रिपोर्ट पब्लिश की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान ने अमेरिका को बता दिया है कि भारत को जो हथियार, सर्विलान्स ड्रोन्स और टेक्नोलॉजी दी जा रही है, वो पाकिस्तान के लिए सीधा और बहुत बड़ा खतरा है।
शरीफ सरकार ने अमेरिका से ये भी कहा है कि अगर भारत को ये मिलिट्री हार्डवेयर देने ही थे, तो पाकिस्तान को इस बारे में पहले से जानकारी क्यों नहीं दी गई। भारत की बढ़ती ताकत से साउथ एशिया का पॉवर बैलेंस बिगड़ जाएगा। रिपोर्ट में यह जानकारी पाकिस्तान के टॉप ऑफिशियल्स के हवाले से दी गई है।
अमेरिका को धमकी भी
रिपोर्ट को अगर गौर से देखा जाए तो इसमें साफ नजर आता है कि पाकिस्तान ने एक तरह से अमेरिका को धमकी दी है या फिर ब्लैकमेल करने की कोशिश की है। इसके मुताबिक- अमेरिका को बता दिया गया है कि अगर अमेरिका इसी तरह पाकिस्तान को भरोसे में लिए बगैर भारत को डिफेंस सेक्टर में मदद करता है तो पाकिस्तान को भी जवाबी कार्रवाई के ऑप्शन्स तलाशने होंगे।
खास बात ये है कि रिपोर्ट में कहीं भी ये नहीं बताया गया है कि पाकिस्तान सरकार किन जवाबी विकल्पों की बात कर रही है। हालांकि, इसका सीधा जवाब चीन या रूस से डिफेंस रिलेशन्स बढ़ाने की तरफ है। इसकी वजह यह है कि यही दोनों देश अमेरिका के सबसे बड़े विरोधी हैं। रूस से पाकिस्तान को सस्ता क्रूड ऑयल मिलना भी शुरू हो चुका है।
इमरान की वजह से भी दबाब में शरीफ सरकार
मोदी के अमेरिका दौरे के बाद शाहबाज शरीफ सरकार ने सिर्फ ज्वॉइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान का जिक्र किए जाने को लेकर ऐतराज जताया था। इसके लिए अमेरिका को एक डिप्लोमैटिक नोट भी जारी किया गया था।
शरीफ सरकार की परेशानी में इजाफा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया। खान को मुल्क के तमाम न्यूज चैनल्स और प्रिंट मीडिया पर बैन किया जा चुका है। लेकिन, वो अपने यूट्यूब चैनल के जरिए सरकार और फौज को घेरते रहे हैं।
मंगलवार रात अपने यूट्यूब चैनल पर इमरान ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा था- पाकिस्तान के फैसले आज दुबई में हो रहे हैं। क्या कभी आपने सुना है कि नरेंद्र मोदी मुल्क से बाहर जाकर और वहां अपने मिनिस्टर्स को बैठाकर फैसले करते हैं? क्या ब्रिटेन या यूरोप के लीडर्स देश के बाहर बैठकर फैसले करते हैं? हमारे यहां तो मजाक हो रहा है।
इमरान ने वीडियो में कई बार भारत और प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र किया। कहा- पाकिस्तान आज हर लिहाज से घुटनों पर आ चुका है। हमारी इकोनॉमी पूरी तरह तबाह हो चुकी है। मोदी कहते हैं- पाकिस्तान को छोड़ दो, ये तो अपने बोझ तले ही दबकर खत्म हो जाएगा। क्या 14 महीने पहले जब मैं वजीर-ए-आजम था, तब कोई ऐसा बयान आता था?