अमेरिका ने कहा- उत्तर कोरिया की मांग अनावश्यक, लेकिन वार्ता के दरवाजे खुले
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वाशिंगटन । हांगकांग पर कानून बनाने के बाद चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। इसके बाद अमेरिका ने दो चीनी दूतावास के अफसरों को निष्कासित कर दिया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। हालांकि, अभी तक चीन की और से काई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अभी तक चीन सरकार इस मामले में मौन है। चीन अभी सारे हालात का जायाजा ले रहा है।
अमेरिका ने यह कदम तब उठाया जब दोनों अधिकारियों को वर्जीनिया सैन्य ठिकाने से पकड़ा गया। इसके बाद अमेरिका ने चीनी दूतावास के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में निष्कासित कर दिया है। माना जा रहा है कि इनमें से एक अधिकारी वास्तव में खुफिया अफसर था जो राजनयिक के रूप में चीनी दूतावास में काम कर रहा था।
बता दें कि कि बीजिंग की आपत्तियों के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को हांगकांग में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने वाले कानून पर हस्तक्षार किए थे। चीन ने इस कानून पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह इसके जवाब में कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद अब हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) कानून बन गया।
यह कानून मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रतिबंधों का उपबंध करता है। कांग्रेन ने एक दूसरा विधेयक भी पारित किया है, जिस पर ट्रंप ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत भीड़ नियंत्रण की गतिविधियों जैसे आंसू गैस, काली मिर्च, रबर बुलेट आदि को हांगकांग पुलिस के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। उधर, चीन ने इस कानून पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह इसके जवाब में कार्रवाई करेगा।
इस बिल पर ट्रंप के हस्ताक्षर के पूर्व चीन ने कई बार इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। चीन ने अमेरिकी राजदूत को तलब कर सीनेट से पारित हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) को रद करने की मांग की थी। उसने चेतावनी भी दी थी कि अगर अमेरिका ने ऐसा नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।