उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, एक बड़ा गैस सिलेंडर लौटाने पर मिलेंगे दो छोटू सिलेंडर

उज्ज्वला योजना की एक बड़ी समस्या गरीबों के लिए कनेक्शन लेने के बाद दोबारा रिफिल कराने के रूप में सामने आई है। इसकी वजह (14.2 किलोग्राम के सिलेंडर) रिफिल की कीमत ज्यादा होना है जिसका भुगतान करने में अधिकांश परिवार खुद को असमर्थ महसूस करते हैं। अब सरकारी तेल कंपनी इंडियन आयल ने इसका समाधान निकाल लिया है। कंपनी ने बड़े सिलेंडर लौटा कर गरीब परिवार को पांच किलोग्राम के दो गैस सिलेंडर लेने का प्रस्ताव किया है। इसके लिए जल्द ही एक योजना लागू की जाएगी।
बड़े सिलेंडर को रिफिल करवाने की कीमत नई दिल्ली में अभी 783 रुपये है। दूसरी तरफ पांच किलो ग्राम के सिलेंडर के रिफिल करवाने की कीमत तकरीबन 350 रुपये पड़ेगी। इस तरह से छोटे सिलेंडर के रिफिल करवाने की राशि का इंतजाम करना ज्यादा आसान होगा।
इंडियन आयल कार्पोरेशन (आइओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने बताया कि पहले कुछ चयनित स्थानों में यह योजना लागू की जाएगी। एक समस्या सिक्यूरिटी कीमत को लेकर आ रही है। क्योंकि बड़े सिलेंडर के लिए सिक्यूरिटी कीमत 1250 रुपये है जो अनुदान के तौर पर केंद्र देता है। दूसरी तरफ दो छोटे सिलेंडरों की सिक्यूरिटी कीमत 1600 रुपये होगी। समस्या यह है कि दो सिलेंडरों के बदले सिक्यूरिटी प्राइस का अंतर 350 रुपये का भुगतान किस तरह से किया जाये। इसके लिए सरकार से बात की जा रही है कि वह इस अंतर को भी बतौर अनुदान दे। लेकिन अगर कोई ग्राहक अभी चाहे तो 350 रुपये के अंतर का भुगतान कर बड़े सिलेंडर के बदले दो छोटे सिलेंडर ले सकता है।
आइओसी के निदेशक (मार्केटिंग) बी एस कंठ ने बताया कि उनकी कंपनी ने यह अध्ययन किया है कि उज्ज्वला ग्राहक क्यों रिफिल नहीं करवाते। एक बड़ी वजह पैसे की दिक्कत है तो दूसरी दिक्कत दूर दराज या पहाड़ी इलाकों में बड़े सिलेंडरों को ढोने की भी है। छोटे सिलेंडर इन दोनों समस्याओं का एक साथ समाधान करते हैं। वैसे अब उज्ज्वला के ग्राहकों की तरफ से रिफिल करवाने की रफ्तार थोड़ी बढ़ी है। गैस कनेक्शन लेने वाला एक सामान्य परिवार सालाना 7.6 सिलेंडर रिफिल करवाता है जबकि उज्ज्वला के ग्राहक औसतन 3.8 फीसद रिफिल करवा रहे हैं। छोटे सिलेंडरों की शुरुआत होने के बाद यह संख्या बढ़ सकती है। उज्ज्वला योजना के तहत अभी तक 3.30 करोड़ गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसका 44 फीसद अनुसूचित जाति व जनजाति परिवारों को गया है।