नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा: राजनाथ बोले-‘अवैध नागरिकों से मिलेगा छुटकारा’, कांग्रेस का वॉकआउट
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नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस विधेयक से असम में अवैध नागरिकों की घुसपैठ पर रोक लगेगी। गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के बारे में गलत बातें फैलाई जा रही हैं, जबकि यह विधेयक असम के स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने वाला है। विपक्ष की आशंकाओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि इस विधेयक से पाकिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों की भी सुरक्षा होगी, जो राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में भी बसे हैं।
विपक्ष के शोर-शराबे के बीच राजनाथ सिंह ने अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा, ‘हम एनआरसी को लेकर प्रतिबद्ध हैं और घुसपैठियों से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।’ चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस संशोधन विधेयक को चयन समिति के पास भेजने की मांग की। कांग्रेस चर्चा के बीच से ही सदन से वाकआउट कर गई।
बता दें कि केंद्र सरकार के कदम के खिलाफ पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में तृणमूल कांग्रेस और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने भी मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में संसद भवन परिसर में विरोध जताया। इस दौरान तृणमूल सांसदों ने विरोध का अनूठा तरीका अपनाया।
समाचार एजेंसी एएनआई के ट्विटर हैंडल पर संसद भवन परिसर में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के विरोध जताने के तरीके से संबंधित कुछ तस्वीरें आई हैं, जिसमें AIUDF और TMC के सांसद अपने हाथों में नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 के खिलाफ संदेश लिखी तख्तियां लिए नजर आ रहे हैं। कुछ तस्वीरें ऐसी भी हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखौटा लगाए शख्स के हाथों में डंडा दिखाया गया है, जबकि नीचे कुछ लोग ‘मुझे मेरे देश से मत निकालो’ का संदेश लिखी तख्तियां लिए बैठे नजर आ रहे हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार के कदम का विरोध पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई संगठन और राजनीतिक दल कर रहे हैं। सोमवार को भी असम के कुछ संगठनों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया था और इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी निर्वस्त्र भी हो गए थे। पूर्वोत्तर के कई छात्र संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में मंगलवार को 12 घंटे का बंद भी बुलाया है, जो सुबह 5 बजे से ही जारी है और शाम 5 बजे तक चलेगा।
यह संशोधन विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान करता है। अगर यह संशोधन विधेयक संसद से पारित हो जाता है तो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचार की वजह से भागकर 31 दिसंबर, 2014 तक यहां आने वाले हिन्दू, सिख, बौद्ध जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इसका विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि इससे असम के समाज और क्षेत्र के मूल निवासियों के लिए संकट पैदा होगा।