आज पुरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशो मे भी मनाया जा रहा है बड़ी धूम-धाम से डाक दिवस ।
आज हम इतिहास के उस पन्नों की बात करेंगे जिसे लोग भारत ही नहीं विदेशों में भी इसका चलन भूतपूर्व रह चुका है वह डाकघर है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जा रहा है यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की ओर से डाक सेवाओं की उपयोगिता और इसकी संभावनाओं को देखते हुए हर वर्ष 9 अक्टूबर को डाक दिवस मनाने की नीव रखी थी सभी देशों के बीच पत्रों का आवागमन सहज रूप से हो इसके लिए स्विट्जरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था 1969 मे जापान के टोक्यो मे 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रुप में घोषित किया था। डाकघर ने दुनिया को एक जगह रहने वाले लोगों को दूसरे जगह के लोगों के बीच संप्रेषण का माध्यम उपलब्ध कराया। भारत 1 जुलाई 1876 को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना। सदस्यता लेने वाला भारत प्रथम एशियाई देश था।