मोदी सरकार आज लोकसभा में पेश कर सकती तीन तलाक बिल
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र जब से शुरू हुआ है हंगामेदार ही रहा है। विपक्ष लगातार पिछले कई दिनों से मनमोहन सिंह के मुद्दे को लेकर दोनों सदनों की कारर्रवाई नहीं चलने दे रहा है। वहीं आज मोदी सरकार लोकसभा में तीन तलाक को लेकर बिल पेश कर सकती है। इसको लेकर भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है सभी को संसद में मौजूद रहने को कहा गया है। इससे पहले बुधवार को संसद में सरकार की ओर से कहा गया कि तीन तलाक के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया और यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों के बाद चुनाव प्रसार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मनमोहन सिंह पर दिए बयान को लेकर विपक्ष माफी की मांग कर रहा है। इसी के चलते इस साल पेश होने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयक भी अटके हुए हैं।
क्या है तीन तलाक विधेयक
सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को ला रही है। यह कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा। तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा। अगर कोई तीन तलाक देता है तो उसको तीन साल की सजा के साथ जुर्माना होगा। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा। इस बिल के मुताबिक पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है। मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे। प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है। तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए पीएम मोदी ने एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।