विश्व का सबसे लंबा तिरंगा समिति करेगा स्कूलों के फीस वसूली के विरोध आंदोलन
विश्व का सबसे लंबा तिरंगा समिति के तत्वधान में कोरोना महामारी के समय में अभिभावकों से जबरदस्ती फीस वसूली पर एक आंदोलन छेड़ दिया गया है! इस आंदोलन के कई स्तर पर रूपरेखा बनाई गई है !
इसमें सोशल मीडिया से लेकर के ऐसी योजना बन रही है कि सभी लोग अपने घरों के सामने खड़ा होकर के आंदोलन करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि स्कूल अपना जायज फीस वसूल करें, नाजायज फीस वसूलने का अधिकार स्कूलों को नहीं है
क्योंकि कोरोनावायरस के दौर में सभी लोगों के रोजगार बिजनेस व्यवसाय इत्यादि ध्वस्त हो चुके हैं! इसी बीच शहर व देहात के कुछ कन्वेंट स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा प्रारंभ कर दी है!
क्योंकि किसी भी स्कूल का फीस चार्ट जो होता है उसमें 20 से 30% ही ट्यूशन फीस होता है और सारा चार्ज उनका बिल्डिंग, बिजली, पानी, स्पोर्ट मेंटेनेंस ,सिक्योरिटी, कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लासरूम, लैब इत्यादि का होता है! जिसका वर्तमान समय में कोई उपयोग नहीं हो रहा है परंतु पूरा का पूरा वसूली का दबाव बना रहे स्कूल वाले अभिभावकों को त्रस्त कर दिए है ! अभिभावक भी अपने बच्चों के आगे असहाय हैं !10% स्कूलों ने जो मध्यम वर्ग के हैं उन्होंने तो कुछ फीस माफ भी किया है परंतु जितने बड़े स्कूल हैं उनका पेट नहीं भर रहा है *उनका फीस 2000 रु. से लेकर के 8000 रु. तक निर्धारित हैअब हम अगर औसत में 5000 रु. लेते हैं तो इसका 20% फीस एक हजार रुपया होता है परंतु इसमें भी फिजिकल पढ़ाई नहीं हो रही अर्थात जब बच्चा स्कूल में रहता है तो अध्यापक सामने से पढ़ाते हैं कॉपियां चेक करते हैं होमवर्क देते हैं बच्चों का मेंटेनेंस का ख्याल रखते हैं और 6 घंटे का क्लास चलता है! इस समय जो ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं वह केवल 3 घंटे का क्लास चल रहा है अर्थात इस 1000 रु. का भी 50% माइनस हो तो 500 रु.फीस बनता है शौक से स्कूल 500 रु.फीस अभिभावक से ले सकता है परंतु यह पूरी की पूरी फीस जबरदस्ती* वसूल रहे हैं !
यही यही फीस का रेट हर जगह निर्धारित होना चाहिए
अपने अध्यापकों को पूरा दे तन भी नहीं दे रहे
सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए परंतु सरकार पूरी तरह से मौन है उसका कारण है कि सरकारी तंत्र या सरकार को चलाने वाले लोगों के खुद के सैकड़ों स्कूल है तो वो खुद नहीं चाहते कि फीस माफी की बात कही हो !
*बहुत सारे स्कूल तो ऐसे हैं जिनकी कक्षा 10 की मान्यता भी नहीं है वह भी जबरदस्ती फीस वसूल रहे हैं*
*स्कूल सेवा का क्षेत्र है जिसे इनकम टैक्स में छूट मिलता है अब जब सेवा ही नहीं हो रहा है तो फिर क्यों*?
हम फीस माफी की बात नहीं कर रहे हम तो कह रहे हैं कि जितना सेवा दे रहे हैं उसका अपना पैसा ले!
*हालांकि इस ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों के ऊपर बहुत सारे खतरे प्रारंभ हो गए हैं*
*बच्चों की आंखें खराब हो रही है* *बच्चों के अंगुलियों में रेडिएशन के कारण जलन वह आंखों में जलन प्रारंभ हो गई है*
अगर यही हाल रहा तो 1 साल के अंदर बच्चों की आंखें खराब हो जाएंगी और रेडिएशन से उनका मस्तिष्क और उंगलियों का भी का वही हाल होगा
विश्व का सबसे लंबा तिरंगा समिति के लोगों के मांग पर जनहित का मुद्दा उठाया गया जिससे इस विकराल कोरोनावायरस में जनता का भला हो सके
*बच्चों पर रहम करो के नाम से इस आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया*
आंदोलन की रूपरेखा ऐसी होगी फिर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए सभी लोग अपने अपने घरों पर ही आंदोलन करेंगे
सरकार को इस पर सोचना होगा अन्यथा अभिभावकों का कहना है कि सरकार बदलती है
सभी स्कूलों को या ज्ञात होना चाहिए कि यह वही संगठन है जो 13000 मीटर का तिरंगा पहला के विश्व इतिहास बनाया और अब इसके ऊपर काम करना प्रारंभ कर दिया है