अवधनगरी में बहुप्रतिक्षित व ऐतिहासिक भूमिपूजन सकुशल सम्पन्न
अयोध्या । पाँच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद आज ०५ अगस्त, २०२० को दोपहर १२:४०:०८ बजे अभीष्ट मुहूर्त पर अवधनरेश श्री विपलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र व उनकी पत्नी समेत प्रदेश की राज्यपाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व आरएसएस सरसंघचालक श्री मोहन राव भागवत की उपस्थिति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी द्वारा श्रीराम जन्मभूमि के गर्भगृह का भूमिपूजन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय व वैश्विक महामारी कोरोना के मसौदे को मानते हुए सकुशल पूर्ण हुआ। पूजन के पश्चात्, मंच पर ट्रस्ट के महासचिव श्री चम्पत राय ने आवभगत की। सर्वप्रथम मुख्यमंत्री ने सबका स्वागत किया, फिर श्री भागवत जी ने सदवचन कहे। अध्यक्ष एवम् महांत श्री नृत्यगोपाल दास जी ने मंदिर निर्माण की प्रसन्नता प्रकट करते हुए जल्द निर्माण कार्य पूरा होने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने मंच पर पहुँचते ही सर्व समुदायों को साष्टांग दण्डवत कर अभिनंदन किया। अपना सौभाग्य मानते हुए, उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरुआत सियावर रामचन्द्र की जय के साथ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व राममय है। भारत के प्रत्येक कोने व दिशा में सिर्फ़ यही सदचर्चा का विषय है। विश्व के कई देश राम के आदर्शों को मानते हैं। श्रीराम के आदर्शों का बखान करते हुए श्री मोदी ने कहा कि श्रीराम जैसा राजा आज तक इस पृथ्वी पर नहीं हुआ। वे सत्य को धर्म मानते थे। हमें भी उन्हीं की नीतियों पर चलना है। उन्होंने कहा कि आज जन्मभूमि को मुक्ति मिली है। श्रीराम सबके हैं और सबमें हैं। श्रीराम के आदर्शों को मानते हुए सबका साथ और सबका विकास होगा। उन्होंने सम्पूर्ण देश-विदेश के सनातन जन समुदाय को आज इस विशेष कार्य की बधाई दी। अन्त में विदा माँगते हुए सबको नमन किया।
इस ऐतिहासिक समय पर अखिल भारत के छत्तीस सम्प्रदायों के गणमान्य साक्षी बने। स्थल पर मुख्य रूप से साध्वी ऋतंभरा, उमाभारती, बाबा रामदेव, मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेन्द्रदास जी, महांतश्री अशर्फ़ी भवन, रंगमहल पीठाधीश्वर श्रीरामशरण जी महाराज, महांत श्रीवैदेहीवल्लभ शरण जी, मुस्लिम पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी समेत कई सम्प्रदायों के विशिष्ट सन्त-महांत एवम् अतिथि मौजूद थे। हमारे ई-ख़बर मीडिया के स्वतन्त्र पत्रकार अनुज पाण्डेय जहाँ श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निकट श्री हनुमत विहार कुंज, अयोध्या के अधिकारी श्रीश्री रविशंकर शरण जी के साथ मौजूद रहे, वहीं साथ ही साथ, सोशल मीडिया व टेलिविज़न के माध्यम से देश-विदेश के लक्ष/कोटि रामभक्तों तथा सनातन प्रेमियों ने अपनी मानसिक व भावात्मक उपस्थिति प्रकट की।
स्वतन्त्र पत्रकार अनुज पाण्डेय