सार्वजनिक पेशकश के जरिए वित्त वर्ष 2020-21 में जुटाया गया दोगुना धन, वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस दौरान 55 आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) और एक अनुगामी सार्वजनिक पेशकश आया। बयान के मुताबिक वित्त वर्ष में 21 राइट इश्यू आए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 17 था।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक निर्गम और राइट इश्यू के जरिए जुटाए गए धन में क्रमश: 115 फीसदी और 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
पिछले साल की तुलना में इतनी है वृद्धि
मंत्रालय ने कहा कि, ‘2020-21 के दौरान सार्वजनिक निर्गम और राइट इश्यू के जरिए क्रमश: 46,029.71 करोड़ रुपये और 64,058.61 करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 21,382.35 करोड़ रुपये और 55,669.79 करोड़ रुपये था। यह पिछले साल की तुलना में 2020-21 के दौरान क्रमशः 115 फीसदी और 15 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है।’
इसी तरह 2020-21 के दौरान कॉरपोरेट बॉन्ड के 2003 निर्गम आए, जिनकी कुल राशि 7,82,427.39 करोड़ रुपये थी। इन निर्गमों की संख्या में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि इनसे जुटाई गई राशि 13.5 फीसदी बढ़ी। बयान में कहा गया कि भारतीय पूंजी बाजार ने महामारी के प्रकोप से लगे झटकों को झेलने में अपनी मजबूती दिखाई है। मंत्रालय ने बताया कि म्यूचुअल फंड उद्योग के तहत प्रबंधित संपत्ति 31 मार्च, 2021 को इससे पिछले साल के मुकाबले 41 फीसदी बढ़कर 31.43 लाख करोड़ रुपये हो गई।
क्या है आईपीओ?
जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। आईपीओ में पैसा लगाकर निवेशक अच्छे पैसे कमा सकते हैं। दरअसल, कोरोना वायरस महामारी घरेलू शेयर बाजार उबरने लगे हैं। इसे देखते हुए कंपनियां लगातार आईपीओ लॉन्च कर रही हैं। आगे भी आईपीओ बाजार के मजबूत रहने की उम्मीद है। कंपनियां इस साल भी आईपीओ लाने के लिए कतार में खड़ी हैं।