मोदी ने कहा- समाजवाद और बहुजन की बातें करने वाले सत्ता के लालची, उनकी अपने बंगलों में रुचि ज्यादा
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संतकबीर नगर. संत कबीरदास की 500वीं जयंती पर नरेंद्र मोदी गुरुवार को मगहर में थे। वे कबीर की मजार पर पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए। उन्होंने यहां एक रैली भी की। इसमें उन्होंने कबीर के फलसफों और दोहों का जिक्र करते हुए विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, ‘‘समाजवाद और बहुजन की बातें करने वाले सत्ता के लालची हैं। उत्तर प्रदेश में पहले जो सरकारें रहीं, उनकी अपने बंगलों में रुचि ज्यादा थी। उनका मन अपने आलीशान बंगलों में ही लगा रहता था। गरीबों के लिए मकान बनाने के मामले में वे हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते थे।”
मोदी ने यहां बंगलों का जिक्र दो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती के संदर्भ में किया। अदालती आदेश के बाद दोनों ने अपने सरकारी बंगले खाली किए हैं। मोदी ने कहा कि दो दिन पहले ही देश में आपातकाल को 43 साल पूरे हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और आपातकाल का विरोध करने वाले कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने की फिराक में घूम रहे हैं। ये देश नहीं, समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार के हितों के लिए चिंतित हैं। गरीब, वंचित, शोषितों को धोखा देकर परिजनों के लिए करोड़ों के बंगले बनाने वालों से उत्तर प्रदेश को सतर्क रहने की जरूरत है।
मोदी ने तीन तलाक का जिक्र किया :मोदी ने कहा, ‘‘आपने तीन तलाक पर भी इनका (विपक्ष का) रवैया देखा है। आज देश में मुस्लिम बहनें धमकियों की परवाह किए बिना इससे मुक्ति की मांग कर रही हैं। लेकिन सत्ता के लिए वोट बैंक का खेल खेलने वाले लोग इसमें रोड़े अटका रहे हैं। संसद में इसे पास नहीं होने दे रहे।”
मोदी ने कहा- कुछ दलों को अशांति चाहिए : प्रधानमंत्री ने कहा- “महात्मा फुले आए, अंबेडकर आए, गांधी आए सभी ने अपने-अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाया। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान दिया। लोगों को समानता का अधिकार दिया। आज ऐसी धारा खड़ी करने की कोशिश की जा रही है, जो समाज को तोड़ने का काम कर रही हैं। कुछ राजनीतिक दलों को अशांति चाहिए। उन्हें लगता है जितना असंतोष का वातावरण बनाएंगे, उन्हें उतना राजनीतिक लाभ होगा। लेकिन सच है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। वे जानते ही नहीं कि संतों को मानने वाले भारतीय समाज का मानस क्या है। संत कबीर दास जी कहते थे कि पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।”
हाथ पर हाथ धरे बैठी रही सरकारें : नरेंद्र मोदी ने अखिलेश और मायावती का नाम लिए बिना कहा- “हमारी सरकार ने आवास योजना के तहत गरीबों को घर देना शुरू किया था। हमने पूछा कि पहले की यूपी सरकार गरीबों के लिए बनाए जाने वाले घरों की संख्या तो बताएं। लेकिन उन्हें अपने बंगलों में रुचि थी। वो हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। उन्होंने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। वे सिर्फ सियासत करते रहे।”
मोदी ने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई: मोदी ने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाने के बाद संत कबीर अकादमी की आधारशिला भी रखी। 24 करोड़ रुपए से बनने वाली इस अकादमी में पार्क और पुस्तकालय के अलावा कबीर पर शोध भी होगा। मगहर को ‘नरक के प्रवेश द्वार’ के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी धारणा है कि मगहर में जिसकी मृत्यु होती है, वह स्वर्ग नहीं जाता। संत कबीरदास इस अंधविश्वास को तोड़ने के लिए मगहर गए थे और वहीं समाधि ली थी।