पर्वतारोहियों का माउंट एवरेस्ट फतह करने का जज्बा कोरोना वायरस से भी नहीं हो रहा कम
एवरेस्ट पर पर्वतारोहण के सबसे बड़े संचालक ‘सेवन समिट ट्रेक्स के मिंगपा शेरपा ने कहा, ”कोरोना वायरस के एवरेस्ट के आधार शिविर पहुंचने के बावजूद इसका ऐसा कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है जैसा कि बाहर कहा जा रहा था।कोरोना वायरस महामारी के कारण माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण के लिए बंद होने के एक साल बाद सैकड़ों पर्वतारोही दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर चढ़ने के लिए अनुकूल कुछ ही दिन बाकी रहते हुए आखिरी कोशिश कर रहे हैं और आधार शिविर में महामारी फैलने की खबरें भी उनके जज्बे को कम नहीं कर पायी हैं।
लोगों के बीमार पड़ने की खबरों के बाद इस महीने एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले तीन दलों ने अपना अभियान रद्द कर दिया था लेकिन बाकी के 41 दलों ने मई में खत्म होने वाले मौसम से पहले पर्वतारोहण का फैसला किया। मई के बाद खराब मौसम के कारण पर्वतारोहण अभियान बंद करना पड़ता है।
कोविड के कारण कोई भी इतना गंभीर बीमार नहीं हुआ या नहीं मरा जैसे कि अफवाहें फैलायी जा रही हैं। नेपाली अधिकारियों ने भी माउंट एवरेस्ट पर कोरोना वायरस के मामले आने की खबरों को खास तवज्जो नहीं दी।
प्रधानमंत्री के पी ओली ने कहा, ”कई लोग आधार शिविर जाते हैं और ऐसा संभव है कि यहां से वहां जाने वाले लोग संक्रमित हो गए हो। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि कोरोना वायरस संक्रमण पूरे पर्वत पर पहुंच गया है, शायद यह आधार शिविर के किसी हिस्से या उससे नीचे के इलाके में फैला होगा।”
अप्रैल में एवरेस्ट के आधार शिविर में सबसे पहले नॉर्वे के एक पर्वतारोही के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने की खबर मिली थी। उसे हेलीकॉप्टर से काठमांडू लाया गया जहां उसका इलाज किया गया और बाद में वह स्वदेश लौट गया। ऑस्ट्रिया के प्रतिष्ठित गाइड लुकास फर्टेनबाच ने टीम के सदस्यों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद इस महीने अपना अभियान रोकने और अपने साथियों को वहां से निकालने का फैसला किया था।
एवरेस्ट से लौटने के बाद उन्होंने अनुमान जताया था कि 100 से अधिक पर्वतारोही और सहयोगी स्टाफ संक्रमित हो चुका है। चीन ने नेपाल से संक्रमण फैलने की आशंका के कारण अपनी सीमा की ओर से एवरेस्ट पर चढ़ाई पिछले हफ्ते रद्द कर दी थी।