हांगकांग में प्रत्यर्पण कानून के विरोध में सड़क पर उतरे पांच लाख लोग
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हांगकांग। हांगकांग में प्रस्तावित नए प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ रविवार को लाखों लोग सड़कों पर उतर आए। इस नए कानून में आरोपितों और संदिग्धों को मुकदमा चलाने के लिए चीन में प्रत्यर्पित करने का प्रावधान है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कानून से हांगकांग की स्वायत्तता और यहां के नागरिकों के मानवाधिकार खतरे में आ जाएंगे। इसी के चलते शुरुआत से ही इस कानून का विरोध हो रहा है।
रविवार को यहां विक्टोरिया पार्क से लेजिस्लेटिव काउंसिल के बीच हुई रैली में पांच लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान है। बीते कई सालों में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग किसी चीज के विरोध में साथ आए हैं। इससे हांगकांग की नेता कैरी लैम के प्रशासन पर दबाव बनेगा। रैली को लेकर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन वह बिल रद नहीं करने की बात कर चुकी हैं। बता दें कि 2003 में भी इसी तरह करीब पांच लाख लोग राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों को सख्त करने के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। बाद में उस कानून को हटाना पड़ा था। प्रत्यर्पण कानून पर बुधवार से बहस शुरू होगी।
विरोध में बुजुर्ग भी हुए शामिल
रैली में युवाओं के साथ बुजुर्गो ने भी हिस्सा लिया। कोई लोग अपने बच्चों के साथ रैली में शामिल हुए। लोगों का कहना है चीन में किसी को न्याय नहीं मिलेगा। वहां कोई मानवाधिकार नहीं है। रैली के दौरान कैरी के विरोध में भी नारे लगे। ‘लेट्स मेक हांगकांग ग्रेट अगेन’ लिखे पोस्टर भी लहराए गए जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लैम पर गोली चलाते दिखाया गया।
यूरोपीय संघ समेत कई देश जता चुके हैं चिंता
यूरोपीय संघ और अमेरिका समेत कई देश इस कानून पर चिंता जता चुके हैं। उनका कहना है कि 1997 में ब्रिटेन ने चीन को हांगकांग इसी शर्त पर सौंपा था कि उसकी स्वायत्तता बरकरार रहेगी लेकिन यह कानून उस पर खतरा बन सकता है।