जाधव पर संसद में सुषमा बोलीं- शुक्र है पाक ने नहीं कहा पत्नी के जूते में बम था
। लोकसभा में सुषमा स्वराज ने बताया कि इस बात पर विशेष रूप से दोनों पक्षों पर सहमति व्यक्त की गई थी कि मीडिया को कुलभूषण जाधव के परिवार के करीब आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने उनके नजदीक ही नहीं आया, बल्कि उनका उत्पीड़न भी किया और उन पर ताने मारे। विदेश मंत्री के बयान के दौरान लोकसभा में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे।
सुषमा स्वराज ने बताया कि उप-उच्चायुक्त की अनुपस्थिति में जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात शुरू हुई। इस दौरान मां और पत्नी के कपड़े बदलवा दिए गए थे। अगर उन्होंने देखा होता कि परिवार के सदस्यों के कपड़े बदले जा रहे हैं, तो वह विरोध दर्ज जरूर करवाते। उन्होंने कहा, भगवान का शुक्र है कि उन्होंने यह नहीं कहा कि उनके (कुलभूषण जाधव की पत्नी) जूते में एक बम था! यदि सुरक्षा कारणों से उनके जूते उतरवाए गए, तो वापस जाने पर उन्हें जूटे लौटाने चाहिए थे। लेकिन नहीं उन्होंने क्रूरता दिखाई।
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कुलभूषण जाधव पर राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने इस मुलाकात को प्रोपेगेंडा बनाया। उन्होंने बताया कि सरकार कुलभूषण जाधव मामले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट तक लेकर गई, जिसके बाद उनपर जारी किए गए फांसी के फैसले को टाल दिया गया है। मुश्किल समय में सरकार ने परिवार का साथ नहीं छोड़ा। हमने परिवार के सदस्यों की जाधव से मिलने की इच्छा को पूरा किया। लेकिन इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान ने बेअदबी की सारी हदें पार कर दीं।
सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने कुलभूषण जाधव के परिवार से दुर्व्यवहार किया। हमारे बीच स्पष्ट समझौता था कि मीडिया को आने की अनुमति नहीं मिलेगी, लेकिन इस समझौते का उल्लंघन हुआ। कुलभूषण ने सबसे पहला सवाल पूछा कि ‘बाबा कैसे हैं’। सुषमा ने कहा कि जाधव की मां और पत्नी की बिंदी और मंगलसूत्र उतरवा लिए गए। जाधव की मांग सिर्फ साड़ी पहनती हैं, लेकिन इस मुलाकात से पहले उन्हें सलवार-कुर्ता पहनने के लिए मजबूर किया गया। इन दोनों सुहागनों को एक विधवा की तरह पेश किया गया। जाधव की मां अपने बेटे से मराठी में बात करना चाहती थी। इस पर उन्हें बार-बार टोका गया और जब वह बात करती थी, तो इंटरकोम को बंद किया गया।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान यहीं तक नहीं रुका, उन्होंने कुलभूषण जाधव की पत्नी के जूते तक उतरवा लिए और उन्हें वापस नहीं किया। पाकिस्तान का कहना है कि जूते में एक कैमरा या एक रिकॉर्डर था। इससे ज्यादा बेतुकी बात क्या हो सकती है, क्योंकि उन जूतों को पहनकर ही उन्होंने 2 फ्लाइट्स में सफर किया था। यह उपाय से परे एक मूर्खता है। कुलभूषण के परिवार के साथ जो कुछ हुआ, वो अमानवीय था। परिवार के सदस्यों के मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन किया गया और उनके लिए वहां एक भय का वातावरण बनाया गया।
राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कुलभूषण जाधव पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे झूठे और फर्जी हैं। पाकिस्तान में कोई लोकतंत्र नहीं है, हम पाकिस्तान को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। जाधव की मां-पत्नी के साथ जो भी हुआ है, वो पूरे देश का अपमान है।
सुषमा स्वराज आज 12 बजे लोकसभा में मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखेंगी। इस बारे में खुद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा, मैं गुरुवार को इस मामले में संसद के दोनों सदनों में अपना बयान दूंगी।
बुधवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में कहा कि कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, हम उसकी निंदा करते हैं। जाधव को भारत वापस लाना चाहिए। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘देखिए, हम पाकिस्तान से किसी भी तरह के अच्छे व्यवहार की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ, जिस तरह का व्यवहार किया गया वो शर्मनाक है।’
इधर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, ‘देखिए, किसी देश की क्या नीति है ये उस देश का अपना मुद्दा है। अगर उन्होंने (पाकिस्तान) कुलभूषण जाधव को एक आतंकवादी अपने देश में माना है, तो वे उनके साथ उसी तरह का व्यवहार करेंगे। हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए। कड़ा व्यवहार करना चाहिए। लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि मीडिया सिर्फ कुलभूषण यादव पर ही क्यों बात कर रहा है? पाकिस्तान की जेलों में सैकड़ों हिंदुस्तानी बंद हैं, सबकी बात होनी चाहिए मेरा ऐसा मानना है।’
बता दें कि मुलाकात से पहले कुलभूषण की मां और पत्नी की बिंदी, मंगलसूत्र और कान की बालियां तक उतरवा दी गईं। कुलभूषण की पत्नी के जूते भी जब्त कर लिए गए। पाकिस्तान की मीडिया ने भी काफी बुरा व्यवहार किया। मुलाकात के बाद जाधव की मां से शर्मनाक तरीके से पाकिस्तानी पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह ‘कातिल’ बेटे से मिलकर खुश हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट ने कुलभूषण जाधव को जासूसी और विध्वंसकारी साजिश रचने के आरोप में दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में उन्हें एक साल से भी अधिक समय से हिरासत में रखा है। कुलभूषण जाधव को 10 अप्रैल को फांसी की सजा सुनाई गई थी। पाकिस्तान ने जाधव को 3 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किया गया था। जाधव को किस जगह से गिरफ्तार किया गया, इसको लेकर भी पाकिस्तान की ओर से अलग-अलग बयान सामने आए हैं।