सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी भी औपचारिक सम्मान से परे हैं गांधीजी, ‘भारत रत्न’ देने की याचिका खारिज

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई से इन्कार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि जनता राष्ट्रपिता को किसी भी औपचारिक सम्मान से कहीं ज्यादा ‘उच्च सम्मान’ देती है।
देश महात्मा गांधी को किसी भी औपचारिक सम्मान से कहीं ज्यादा उच्च सम्मान देती है
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने याचिकाकर्ता अनिल दत्ता शर्मा से कहा कि वे इस संबंध में केंद्र सरकार को अपना प्रतिवेदन दें। पीठ ने कहा, ‘महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं। देश की जनता उन्हें किसी भी औपचारिक सम्मान से कहीं ज्यादा उच्च सम्मान देती है।’
राष्ट्रपिता को ‘भारत रत्न’ प्रदान करने के लिए सरकार को निर्देश देना ‘न्याययोचित’ नहीं
पीठ ने कहा कि राष्ट्रपिता को ‘भारत रत्न’ प्रदान करने के लिए सरकार को निर्देश देने का मुद्दा ‘न्याययोचित विषय’ नहीं है। हालांकि, पीठ ने यह भी कहा कि वह महात्मा गांधी को आधिकारिक सम्मान से नवाजे जाने के लिए याचिकाकर्ता की भावनाओं से सहमत हैं।
याचिकाकर्ता ने महात्मा गांधी को ‘आधिकारिक अलंकरण’ से नवाजे जाने की मांग की थी
याचिका का निस्तारण करते हुए पीठ ने कहा, ‘हम आपको इस संबंध में केंद्र को प्रतिवेदन देने की अनुमति देंगे।’ शर्मा ने याचिका में कोर्ट से आग्रह किया था कि महात्मा गांधी को राष्ट्र के प्रति योगदान के लिए ‘आधिकारिक अलंकरण’ से नवाजे जाने का सरकार को आदेश दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से किया इन्कार
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान को शुक्रवार को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इन्कार कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला की याचिका पर चुनाव आयोग व याचिका में प्रतिपक्षी बनाए गए बसपा उम्मीदवार काजिम अली खान को नोटिस जारी किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उम्र कम होने के कारण चुनाव रद कर दिया था
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव लड़ते वक्त 25 वर्ष से कम आयु का होने के कारण उत्तर प्रदेश में रामपुर की स्वार विधानसभा से अब्दुल्ला का चुनाव रद कर दिया था। अब्दुल्ला ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब्दुल्ला की याचिका में प्रतिपक्षी बनाए गए बसपा उम्मीदवार काजिम अली खान और चुनाव आयोग को याचिका का जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया। हालांकि कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की अब्दुल्ला के वकील की मांग ठुकराते हुए कहा कि वह अभी फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश साक्ष्यों पर आधारित है।