भारतीय सेना के लिए सुपर गन -48 किलोमीटर का लक्ष्य
डीआरडीओ, दिल्ली : —– ड्रैगन भारत अपनी सैन्य संपत्ति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है क्योंकि चीन और चचेरे भाई पाकिस्तान के साथ विवाद अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। विदेशों से अत्याधुनिक हथियार आयात करने के अलावा, आत्मानबीर भारत के हिस्से के रूप में हथियारों को घरेलू स्तर पर विकसित कर रहा है। हाल ही में भारत के रक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान (DRDO) द्वारा विकसित एडवांस्ड टेड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) नामक अत्याधुनिक हथियार का वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण किया है।
ओडिशा में शनिवार को किए गए परीक्षण सफल रहे। एटीएजीएस पिस्टल को नवीनतम तकनीक का उपयोग करके 48 किमी की सीमा में आसानी से लक्ष्य भेदने के लिए बनाया गया है। DRDO के वैज्ञानिकों ने इसे दुनिया की सबसे बेहतरीन हॉवित्जर तोप बताया है।
डीआरडीओ के वैज्ञानिक 2016 से एटीएजीएस बंदूक परियोजना में शामिल हैं, जिसमें भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स भागीदार हैं। परियोजना निदेशक शैलेंद्र ने कहा कि हथियार को अधिमानतः भारत के हिस्से के रूप में विकसित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत में अंतरराष्ट्रीय हथियारों के निर्माण की क्षमता है और हमारे देश को हथियारों के आयात के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।
डीआरडीओ ने पहले ही एटीएजीएस बंदूकों का परीक्षण किया है, जिन्हें विभिन्न स्थानों पर भारतीय बाजार में सुपर माना जाता है, और हाल ही में चीन-पाकिस्तान सीमा पर परीक्षण किया और दुश्मन को चुनौती दी। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी बंदूकें प्रति मिनट केवल तीन राउंड फायर करती हैं, जबकि एटीएजीएस प्रति मिनट पांच राउंड फायर करता है। उनका विचार था कि भविष्य में ऐसी तोपें भारतीय सेना में महत्वपूर्ण हो सकती हैं।
वेंकट टी रेड्डी