दक्षिण कोरिया की सलाह, अमेरिका और उत्तर कोरिया गिले शिकवे भूलकर वार्ता शुरू करें
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दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने कहा है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया अपने पूर्वाग्रहों को छोड़कर वार्ता की टेबल पर आएं। वार्ता शुरू करके परमाणु निशस्त्रीकरण की कोशिश आगे बढ़ाई जाए। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का यह बयान उत्तर कोरिया के अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार होने के बाद आया है।
किम योंग चोल के नेतृत्व में आए उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल से मून की मुलाकात के बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने उत्तर के बातचीत को तैयार होने की बात कही थी। उत्तर कोरिया के सैन्य खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख चोल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल रविवार को दक्षिण कोरिया आया है। इसे विंटर ओलिंपिक के समापन समारोह में भाग लेना है। अमेरिका ने उत्तर कोरिया के प्रस्ताव के परीक्षण करने की बात कही है। कहा है कि वह देख रहा है कि बातचीत के प्रस्ताव में कितनी गंभीरता है और वह कितनी फलदायक होगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया की दक्षिण कोरिया के साथ 9 जनवरी से वार्ता चल रही है। फिलहाल यह वार्ता विंटर ओलिंपिक और उसके बाद होने वाले पैरालिंपिक आयोजन के सिलसिले में हुई है। अमेरिका का विरोध उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को लेकर है। वह इस पर रोक लगाने की मांग कर रहा है जबकि उत्तर कोरिया उसके लिए तैयार नहीं है। राष्ट्रपति मून ने कहा कि तनाव कम करने के लिए वार्ता शुरू हो, यह सभी की जरूरत है। इसलिए अमेरिका पूर्वाग्रह छोड़े और उत्तर कोरिया से जल्द बातचीत शुरू करे।
किम योंग चोल और उनके सहयोगियों के साथ दक्षिण कोरियाई नेताओं और अधिकारियों की बैठक सोमवार को भी जारी रही। प्रतिबंध लागू किए तो जवाब देगा उत्तर कोरिया उत्तर कोरिया ने कहा है कि अमेरिका ने जहाजों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर उसके समुद्री रास्ते बंद करने की कोशिश की तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने हाल ही में 27 कंपनियों और 28 पानी के जहाजों पर प्रतिबंध लगाया है। विभिन्न देशों की इन कंपनियों और जहाजों पर उत्तर कोरिया के साथ अवैध कारोबार का आरोप था।