शहर में दो दिन होगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव:6 और 7 सिंतबर दोनों ही दिन मना सकते हैं जन्म उत्सव

इस वर्ष जन्माष्टमी को लेकर पंडितों के अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं। पुष्टिमार्गीय मंदिर हवेलियों सहित नगर के अनेक मंदिरों में 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनेगी। नगर के कई मंदिरों में 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। मंदिर के पुजारियों का मत है कि 6 सितंबर को जन्माष्टमी शास्त्र सम्मत है।
सोमवारिया बाजार स्थित श्री शनिविजय हनुमान मंदिर (काका साहब के मंदिर) के मुख्य पुजारी पं. लक्ष्मणप्रसाद दुबे ने बताया कि विष्णुपुराण रहस्य एवं अग्निपुराण का कथन है कि कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र अर्ध रात्रि में हो तथा सोमवार या बुधवार हो तो जयंती योग होता है।
मदन रत्न व स्कंद पुराण में लिखा है जयंती अष्टमी व्रत करने से लक्ष्मी स्थिर होती है। पं. दुबे के अनुसार 6 सितंबर को बुधवार को रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि, हर्षद योग अर्ध रात्रि को प्राप्त हो रहा है। अतः 6 सितंबर को जन्माष्टमी का पर्व मनाना शास्त्र सम्मत है।
यहां 6 को मनेगी जन्माष्टमी
पं. दुबे के अनुसार नगर के काका साहब के मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर वजीरपुरा (स्वर्णकार समाज), श्री राधा कृष्ण मंदिर वजीरपुरा, खजांची मंदिर, वजीरपुरा स्थित गुरुद्वारा मंदिर, पालीवाल समाज मंदिर किला रोड, चारभुजा नाथ मंदिर मारवाड़ सेरी, कसेरा मंदिर कसेरवाड़ी, श्रीराम मंदिर राठौर समाज धर्मशाला, शुक्लजी मंदिर सोमवारिया एवं शासकीय श्रीराम मंदिर किले में 6 सितंबर की अर्धरात्रि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
7 को भी होगा आयोजन
कुछ मंदिरों में 7 सितंबर गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस बार 6 सितंबर बुधवार को अष्टमी तिथि का प्रारंभ दोपहर 3.39 से हो रहा है जो 7 सितंबर को सूर्यास्त के पूर्व सांय 4.15 पर अष्टमी तिथि पूर्ण हो जाएगी वहीं 6 सितंबर को प्रातः 9.20 के उपरांत रोहिणी नक्षत्र आरंभ हो रहा है जो की 7 सितंबर को प्रातः 10.26 पर समाप्त होगा।
पं. राजेंद्रप्रकाश व्यास ने बताया कि 6 सितंबर की मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र बुधवार का सहयोग निर्मित हो रहा है जो अर्द्धव्यापिनी रोहिणी युत अष्टमी रहेंगी। मुख्य रूप से वृंदावन और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 7 को मनाई जाएगी, वृंदावन मथुरा क़े अनुरूप भारतवर्ष में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जन्मोत्सव मनाया जाएगा।