विधायकों से जनता कितनी नाराज है, पता लगाएंगे शिवराज, फिर काटेंगे टिकिट
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मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के 12 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इसी साल के अंत में राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं और चुनाव में वर्तमान भाजपा विधायकों के प्रति जनता की नाराजगी कहीं भारी न पड़ जाए, इसीलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सोची-समझी रणनीति के तहत प्रदेश के सभी जिलों में एक मई से विकास यात्राएं निकाली जाएंगी। सूत्रों की मानें तो इन यात्राओं के माध्यम से जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2018 के चुनाव का बिगुल फूकेंगे, वहीं वे यह पता लगाएंगे कि प्रदेश की जनता भाजपा विधायकों से कितनी नाराज है। किसान क्यों नाराज हैं, मजदूर क्यों नाराज हैं और युवाओं में किस बात की नाराजगी है। इसका पता लगाकर नाराजगी को दूर करने की दिशा में कदम भी उठाएंगे। इन विकास यात्राओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनेक घोषणाएं भी करेंगे। पिछले 14 सालों से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के लिए एंटी इंकमबैंसी फैक्टर का खतरा बरकरार है।
एक न्यूज चैनल की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार एंटी इंकमबैंसी फैक्टर इतना प्रभाव दिखा रहा है कि राज्य विधानसभा के चुनाव में शिवराज सरकार 90 सीटों पर सिमट कर रह जाएगी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा भी एक सर्वे कराए जाने की बात सामने आई थी और आरएसएस के सर्वे के अनुसार वर्तमान भाजपा विधायकों में से 44 विधायकों के जीतने की संभावना नहीं है और यह सर्वे रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए और भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता का विषय है।
प्रदेश की जनता भाजपा विधायकों से कितनी नाराज है, इस बात का गहराई से पता लगाने के लिए पूरे प्रदेश मे विकास यात्राएं निकाले जाने की योजना बनाई गई है। इन विकास यात्राओं में पिछले 14 वर्षों में भाजपा की सरकार ने प्रदेश में जो विकास कार्य किए हैं, वे तो जनता को बताए ही जाएंगे, मसलन सरकार ने कितने हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है, कितने अस्पताल बनवाए हैं, कितने स्कूल शुरू किए हैं, कितने उद्योग लगवाए हैं, किसानों के लिए कितनी योजनाएं शुरू की हैं, प्रदेश की विकास दर और सकल घरेलू उत्पाद में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और वह सब कुछ जिससे राज्य में हुए विकास का श्रेय भाजपा की सरकार को जाता है। लेकिन इस यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता की विधायकों के प्रति नाराजगी का गहराई से पता लगाएंगे और ऐसे विधायकों के टिकिट भी काटेंगे, जिनसे जनता बहुत नाराज है।
उल्लेखनीय है कि राज्य की जनता का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उन्हे कोई शिकायत नहीं है, लेकिन उनके विधायकों और कुछ मंत्रियों के प्रति जनता में काफी आक्रोश है। कुछ आम लोग अपनी नाराजगी कुछ विधायकों पर यह आरोप लगाकर जाहिर करते हैं कि उनके क्षेत्र के भाजपा विधायक को न तो जनता से कुछ लेना-देना है और न ही क्षेत्र के विकास से, वे तो तबादले करवाने में लगे हैं, और सिर्फ अपने परिवार के लोगों को भला कर रहे हैं। चुनावी रणनीति के तहत लिए गए विकास यात्राओं के इस फैसले के परिणाम यह होंगे कि शिवराज सिंह चौहान विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करके और जनता के रुझान को समझकर आगामी चुनाव में टिकिट वितरण की रणनीति तैयार करेंगे। मतलब साफ है कि मध्यप्रदेश में लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए शिवराज सिंह चौहान कोई भी कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहते।