अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने चौथी बार संभाली बांग्लादेश की कमान
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ढाका । बांग्लादेश के आम चुनाव में रिकार्ड जीत दर्ज करने वाली अवामी लीग की नेता शेख हसीना ने सोमवार को चौथी बार देश की कमान संभाल ली। राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति ने नए मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप मंत्रियों को भी शपथ दिखाई।
शेख हसीना को राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने दिलाई पीएम पद की शपथ
हसीना (71) की पार्टी अवामी लीग की अगुआई वाले गठबंधन ने गत 30 दिसंबर को हुए आम चुनाव में लगभग क्लीन स्वीप किया था। 300 सदस्यीय संसद की 96 फीसद सीटें उसके खाते में आई थीं। विपक्षी गठबंधन ने हालांकि चुनाव में गड़बड़ी और ¨हसा का आरोप लगाया था, लेकिन हसीना और उनके गठबंधन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। हसीना जनवरी, 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं। इस पद पर उनका यह लगातार तीसरा कार्यकाल है। वह 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं।
मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह
हसीना ने इस बार अपने मंत्रिमंडल में ज्यादातर नए चेहरों को जगह दी है। पिछले मंत्रिमंडल में शामिल रहे कई वरिष्ठ नेताओं को बाहर कर दिया गया है। मंत्रिमंडल के 31 सदस्य ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार शामिल किया गया है। ऐसी चर्चा है कि हसीना रक्षा समेत कई अहम मंत्रालय अपने पास ही रखेंगी।
विपक्षी बेंच पर बैठेगी जातीय पार्टी
अवामी लीग नीत गठबंधन में शामिल जातीय पार्टी ने शुक्रवार को संसद में विपक्षी बेंच पर बैठने का फैसला लिया। पूर्व प्रधानमंत्री और भ्रष्टाचार मामले में जेल की सजा काट रहीं खालिदा जिया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और सहयोगी दलों ने चुनाव नतीजों को मानने से इन्कार कर दिया है। चुनाव जीतने वाले उनके सांसदों ने शपथ भी लेने से इन्कार कर दिया था।
शेख हसीना लगातार तीन बार चुनाव जीतकर पहले ही इतिहास रच चुकी हैं। उनसे पहले कोई भी प्रधानमंत्री लगातार 10 साल भी अपने पद पर नहीं रहा, जबकि उन्हें लगातार तीसरा कार्यकाल मिला।
जनवरी 2009 में शेख हसीना ने 2001 के बाद दूसरी बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। इसके बाद से शेख हसीना के नेतृत्व में यह लगातार तीसरी सरकार होगी। बता दें कि हाल ही में 299 सदस्यों की संसद के लिए हुए आम चुनाव में अवामी लीग और सहयोगी दलों को 288 सीटें मिली हैं।
इस चुनाव में विपक्ष को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा और समूचा विपक्ष मिलकर सिर्फ 11 सीटें जीत पाया। इस तरह से कहा जा सकता है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की आंधी चली, जिसने विपक्ष के पांव उखाड़ फेंके।