कोरोना महामारी की दूसरी और तीसरी लहर : एक तरफ वैक्सीन का भारी स्टॉक, दूसरी तरफ टीकों का टोटा
कोरोना महामारी की दूसरी और तीसरी लहर से इस वक्त पूरी दुनिया जूझ रही है,महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन का संकट भी गहराता जा रहा है। कई देशों में वैक्सीन की भारी किल्लत हो गई हैं। खासकर विकासशील देशों में लोगों को अभी तक टीका उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अमेरिका, ब्राजील, भारत समेत दुनिया के कई देशों में संक्रमण खतरनाक रूप धारण करता जा रहा है। हर रोज लाखों की संख्या में नए मरीज निकल रहे हैं। आंकड़े पर गौर करे तो कोरोना से 30 फीसदी मौतें गरीब या मध्य आय वाले देशों में हो रही हैं। तुर्की के स्वास्थ्य मंत्री फहरेटिन कोका ने तो यहां तक कह दिया है कि हमें टीकों की व्यवस्था करने में कम से कम दो महीने और लगेंगे। दुनिया में टीकों की कमी का सबसे बड़ा कारण है विकसित देशों ने अपनी आबादी से कई गुना अधिक खुराक को स्टॉक कर लिया है। 87 फीसदी टीके अमीर देशों ने खरीदकर अपने पास रख लिए हैं। जिससे कम आय वाले देशों में टीके का टोटा पड़ गया है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार गरीब देशों में 500 लोगों में से बमुश्किल किसी एक व्यक्ति को अभी तक टीका लगा है। जबकि अमीर देशों में हर चार में से एक व्यक्ति को टीका लग चुका है। वहीं, टीकों के अलावा गरीब और मध्य आय वाले देशों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और दवाओं की भी किल्लत है।