गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग को लेकर DDCA में मचा बवाल

नई दिल्ली । अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट समिति (डीडीसीए) के नए अध्यक्ष रजत शर्मा के फैसलों के खिलाफ उनकी ही टीम के चुने लोग खड़े हो गए हैं। हालात बगावत तक पहुंच गए हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदनलाल को हराकर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा की टीम ने डीडीसीए का चुनाव जीता था और उनके पैनल के 12 के 12 सदस्य विजयी हुए थे। शर्मा ने हाल ही में वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा और राहुल सांघवी की क्रिकेट समीति बनाई जिसमें गौतम गंभीर विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।
इस समिति को डीडीसीए के लिए कोच, चयनकर्ताओं के अलावा खेल से जुड़े अन्य मसलों पर निर्णय लेने हैं लेकिन इसके बाद यह मामला हितों के टकराव से जुड़ गया। डीडीसीए के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर निदेशक संजय भारद्वाज ने इसको लेकर रजत शर्मा को कड़ी ईमेल लिखकर नाराजगी जताई है। चुनाव को लेकर अभी एक महीना भी नहीं बीता है और इस समिति में विद्रोह के स्वर फूटने लगे हैं।
भारद्वाज ने रजत शर्मा को ई-मेल लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। भारद्वाज ने अपनी पहली ई-मेल में लिखा, ‘मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटर निदेशक चुना गया हूं। मेरा अनुरोध है कि मुझे भी क्रिकेट से संबंधित फैसलों में शामिल किया जाए। मैं आपको सुनिश्चित करता हूं कि मैं दिल्ली क्रिकेट को जस्टिस आरएम लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार आसानी और पारदर्शी ढंग से चलाऊंगा।
तत्काल प्रभाव से क्रिकेट समिति को हटा दें क्योंकि यह कानूनी रूप से गठित नहीं है। इसमें हितों का टकराव है। आप क्रिकेट सत्र के लिए जल्द से जल्द कार्यकारी समिति की बैठक बुलाएं। उन्होंने रजत को एक और ईमेल लिखा, ‘मैं अपनी भावनाएं साझा करता चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि आप इसे गलत नहीं लेंगे। आपके नेतृत्व में हमारे ग्रुप को स्पष्ट जनादेश मिला है और हम सभी खुश हैं। हर बैठक में मैंने आपसे कहा था कि लोढ़ा समिति की सिफारिश और डीडीसीए संविधान कहता है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेटर निदेशक ही दिल्ली क्रिकेट को चलाएगा।
मैंने पूरे जोश के साथ दिल्ली क्रिकेट के लिए रणनीति बनाई थी और पारदर्शिता के साथ क्रिकेटरों का चुनाव करने की तरफ काम कर रहा था। क्रिकेटरों को अच्छी सुविधाएं देने की भी कोशिश जारी थी। मुझे नजरअंदाज किया गया जिससे मैं बहुत दुखी हूं। आपसे विनती है कि आप इस पर अपना ध्यान लगाएं।’ वहीं रजत ने लिखा, ‘मुझे आपके ई-मेल मिले जिसमें आपने क्रिकेट समिति में नियुक्त किए गए सदस्यों की नियुक्ति पर हितों के टकराव को लेकर ध्यान आकर्षित कराया।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार, अगर किसी को लेकर हितों के टकराव की बात है तो इस तरह के मामले को संघ के लोकपाल को भेज दिया गया है। मैं आपको सुझाव देता हूं कि आप लोकपाल को लिखकर हितों के टकराव को लेकर अपनी दुविधा दूरे करें।
लोढ़ा समिति की सिफारिशें सही है और पदाधिकारी व कार्यकारी समिति के सदस्य किसी अन्य क्रिकेट समिति में नहीं हैं। बैठक के मिनट्स चिंता का विषय थे लेकिन मिनट्स कार्यकारी समिति के सदस्यों और उनके पूर्ण बहुमत के साथ ही पास हुए हैं।’ इसके बाद भारद्वाज ने कहा कि आप जल्द से जल्द कार्यकारी समिति की बैठक बुलाए और इन सभी मुद्दों पर चर्चा करें। यह विद्रोह और भी बढ़ सकता है।