एमपी में सीखो कमाओ योजना का रजिस्ट्रेशन शुरू, युवाओं को मिलेगा रोजगार में अवसर
मध्यप्रदेश में युवाओं को कौशल विकास के साथ ही लर्न एंड अर्न की तर्ज़ पर आन जाब ट्रेनिंग की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की लागू की गई है। मुख्यमंत्री मंगलवार को इस योजना में युवा आवेदकों के पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे। मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी जिनकी उम्र 18 से 29 वर्ष के बिच हो, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे योजना में पात्र होंगे।
मुख्यमंत्री करेंगे संवाद
यह सीखो-कमाओ योजना का शुभारम्भ रवींद्र भवन में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान युवाओं से संवाद भी करेंगे। योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाइपेंड की व्यवस्था की गई है। युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रथम चरण में इतने युवाओं को मिलेगा मौका
प्रथम चरण में एक लाख युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य है। आवश्यकतानुसार लक्ष्य को बढ़ाया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को आठ हजार से 10 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड भी प्राप्त होगा।
SCVT का मिलेगा प्रमाण-पत्र
सीखो-कमाओ योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने या फार्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार बोर्ड (MPSSDEGB) स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाण-पत्र देगा।
इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है। योजना में देश एवं प्रदेश के ऐसे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान पात्र होंगे, जिनके पास पैन और जीएसटी पंजीयन है।
इतने प्रतिष्ठान होंगे शामिल
अब तक लगभग 10 हजार 429 प्रतिष्ठानों को पंजीकृत किया जा चुका है। इनमें 23 अन्य राज्य के प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। प्रतिष्ठानों द्वारा लगभग 34 हजार 690 रिक्तियां (प्रशिक्षण की सीट) निर्मित की जा चुकी है। योजना के लिए 18 से 29 वर्ष तक युवा पात्र हैं।
इन सेक्टर में मिलेगी नौकरी
योजना में प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आई.टी. सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों को जोड़ा जाएगा। मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा-प्रशिक्षण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भी योजना में सम्मिलित होंगे।