Stree Review: डर के साथ-साथ कॉमेडी और सस्पेंस भी भरपूर

फिल्म: स्त्री
डायरेक्टर: अमर कौशिक
स्टार कास्ट: राजकुमार राव ,श्रद्धा कपूर, अपारशक्ति खुराना ,पंकज त्रिपाठी ,अभिषेक बनर्जी
अवधि: 2 घंटा 10 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 4 स्टार
पिछले दिनों सब गोलमाल सीरीज की चौथी फिल्म रिलीज हुई तो एक बार फिर से हॉरर कॉमेडी का दौर चल पड़ा. उसके बाद डायरेक्टर अमर कौशिक ने फिल्म स्त्री के माध्यम से डायरेक्शन में डेब्यू किया. मशहूर फिल्ममेकर राज और डीके की जोड़ी ने एक कहानी लिखी और दिनेश विजान के प्रोडक्शन में उसका निर्माण किया है. फिल्म का ट्रेलर काफी सराहा गया है.पढ़े समीक्षा.
कहानी :
Ads by ZINC
फिल्म की कहानी मध्य प्रदेश के चंदेरी नामक स्थान पर बेस्ड है, जहां विकी (राजकुमार राव) अपने दोस्त बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) और जना (अभिषेक बनर्जी) के साथ रहता है.विकी की कपड़े सिलने की दुकान है. कहानी में चंदेरी के रहने वाले रुद्र (पंकज त्रिपाठी) के आते ही बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं. रुद्र इन तीनों दोस्तों को चंदेरी पुराण और उसके पीछे की सच्चाई के बारे में बताता है. इसी दौरान विकी को श्रद्धा कपूर से आंखों ही आंखों में प्यार हो जाता है. गांव की परिस्थिति और गड़बड़ होने लगती हैं, जब पता चलता है कि वहां स्त्री का आगमन होता है, जो सिर्फ पुरुषों को गायब करती है, सिर्फ उनके कपड़े रह जाते हैं. आखिरकार यह कौन स्त्री है और पुरुषों को वह क्यों गायब करती है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
क्यों देख सकते हैं :
फिल्म की कहानी बढ़िया है. स्क्रीनप्ले भी अच्छा लिखा गया है, इसकी वजह से हर एक पल में दिलचस्पी बनी रहती है. फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है और लोकेशन बड़ी कमाल की है जिसकी वजह से एक पल में आपको डर भी लगता है और दूसरे पल हंसी भी आती है. कई बार तो ऐसा होता है कि किरदार डरते रहते हैं और आप पेट पकड़कर हंसते रहते हैं. फिल्म का ट्विस्ट भी कमाल का है. पंकज त्रिपाठी ने बहुत ही उम्दा अभिनय किया है, वही राजकुमार राव ने एक बार फिर से बता दिया कि उन्हें अच्छा एक्टर क्यों कहा जाता है. राजकुमार का काम कमाल का है. अभिषेक बनर्जी और अपारशक्ति खुराना ने भी सहज अभिनय किया है ,इसी के साथ श्रद्धा कपूर का काम भी ठीक है. फिल्म की अच्छी बात इसकी रफ्तार है, जो कि आपको बोर नहीं करती. कहानी के दौरान कुछ अहम मुद्दों की तरफ भी ध्यान आकर्षित करती है. अमर कौशिक का डायरेक्शन बहुत बढ़िया है.
कमज़ोर कड़ियां
रिलीज से पहले फिल्म के गीत हिट नहीं हो पाए, इसका खामियाजा शायद मेकर्स को ओपनिंग के लिए उठाना पड़ सकता है, लेकिन कहानी में दम है, जिसकी वजह से वर्ड ऑफ माउथ से फायदा मिलेगा. क्लाइमैक्स शायद सबको पसंद न अाए.
बॉक्स ऑफिस :
फिल्म का बजट लगभग 30 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. इसे लगभग 1500 से ज्यादा स्क्रीन से रिलीज किया जा रहा है. इसके साथ-साथ धर्मेंद्र की यमला पगला दीवाना फिर से भी रिलीज हो रही है, इसकी वजह से दोनों फिल्मों के बिजनेस पर प्रभाव जरूर पड़ेगा और जो बेहतर फिल्म होगी उसे ज्यादा सराहना मिलेगी.