क्यों बीजेपी के लिए अब तक का सबसे मुश्किल मिशन है राजस्थान चुनाव?
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जयपुर: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रदेश में बीजेपी फिर सत्ता में आएगी और आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी मिशन 180 को पूरा करेगी. मुख्यमंत्री निवास से राजस्थान गौरव यात्रा के रथ को राजसमंद के लिए रवाना करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सैनी ने कहा कि सरकार ने जो जनकलयाणकारी काम किए हैं उनके आधार पर अब हम जनता से बीजेपी के कार्यकाल में किए गए कार्यों की तुलना पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के कामों से करने को कहेंगे.
उन्होंने दावा किया कि सरकार के किए गए जन कल्याणकारी काम के आधार पर जनता बीजेपी सरकार को फिर चुनेगी. प्रदेश बीजेपी प्रमुख ने कहा कि राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान हम जनता को कहना चाहेंगे कि काम करने वाली सरकार को चुने, यात्रा को पार्टी की यात्रा नहीं बनाना चाहते, इसे जन यात्रा बनाना चाहते है. सरकार ने अपने कार्यकाल में जनता के लिये बहुत से लोक कल्याणकारी काम किए है.
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी बहुप्रचारित ‘राजस्थान गौरव यात्रा’ शनिवार से राजसमंद के चारभुजानाथ मंदिर से शुरू करेंगी. चालीस दिन की इस यात्रा में वह अनेक जनसभाएं करेंगी तथा उनका जनता के साथ संवाद साधने का प्रयास रहेगा.
राजस्थान का ट्रेंड कर रहा है परेशान
राजस्थान में हर पांच वर्ष में सत्ता बदल जाती है. पिछले कुछ वर्षों का यही ट्रेंड है. बीजेपी इस रुझान से खासी परेशान है. पार्टी की कोशिश इस रुझान को मात देकर फिर से सत्ता में वापसी करने की है. राजस्थान दौरे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने खुद इस पर जोर देते हुए उम्मीद जताई थी कि बीजेपी इस ट्रेंड को बदलने में कामयाब होगी.
क्या चलेगा मोदी मैजिक?
बीजेपी 2014 से जब से सत्ता में आई है तब से 22 राज्यों में चुनाव हुए, भाजपा ने 14 में सरकार बनाई. कर्नाटक में बीजेपी बहुमत से दूर रही. लेकिन यह पहला चुनाव होगा जो कई मायनों में बीजेपी की चिंता बढ़ा रहा है. एक सच यह भी है कि बीजेपी ने ज्यादातर राज्य कांग्रेस से छीने है. केवल गुजरात बहुत कम अंतर से बचाया है. राजस्थान में बीजेपी की पहले से सरकार है ऐसे में चुनौती वसुंधरा सरकार को बचाने की है जो कि आसान नहीं होगी.
निकाय चुनावों में असफलता
बीजेपी को पिछले नगर निकाय चुनावों में करारी शिकस्त मिली थी. इन चुनावों को वसुंधरा राजे सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी के तौर देखा जा रहा है. ऐसे में बीजेपी और संगठन का पूरा जोर शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों पर है.