Raipur Congress Conclave:राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले है विधानसभा चुनाव. रायपुर से तय होगा कांग्रेस के भविष्य का फैसला
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कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन (Congress National Convention) आज से शुरू हो रहा है. भारत जोड़ो यात्रा के बाद ये कांग्रेस का दूसरा सबसे बड़ा आयोजन है.देशभर से हजारों कांग्रेसी नेता रायपुर पहुंचे हैं. गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, शशि थरूर जैसे बड़े नेता रायपुर पहुंचे है. कांग्रेस पार्टी के लिए ये अधिवेशन सबसे अहम इसलिए हो जाता है क्योंकि इस साल कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) होने वाले है. इसके अलावा अगले साल लोकसभा चुनाव की भी बारी आ जाएगी. इसलिए माना जा रहा है कांग्रेस के चुनावी रणनीति का रोडमैप इसी अधिवेशन से बनेगा.
आज कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी रायपुर पहुंच सकते है. महा अधिवेशन के पहले दिन सबसे पहले स्टीयरिंग कमेटी की बैठक होने वाली है. इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) करेंगे.
चुनाव के लिए रोड मैप होंगे तैयार
आपको बता दें कि 2018 में दिल्ली में हुए कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद लोकसभा चुनाव में कुछ खास फायदा नहीं हुआ था. लेकिन इस बार कांग्रेस फूंक फूंक कर कदम रख रही है. गांधी परिवार से बाहर मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. इस लिहाजा माना जा रहा है कि इस बार के राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के रोड मैप तैयार कर लेगी. इसके अलावा आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की क्या रणनीति होगी इसपर भी अधिवेशन में चर्चा होगी.
3 राज्यों में सत्ता वापसी की चुनौती
इस साल के अंत में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में एक साथ विधानसभा चुनाव हो सकते है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीनों राज्यों में जीत मिली थी लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस एक साल ही सरकार चला पाई. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और बीजेपी ज्वाइन कर लिया. इससे मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई और चौथी बार फिर से शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद राजस्थान में सचिन पायलट खेमे और अशोक गहलोत खेमे में आपसी गुटबाजी देखी गई. एक समय ऐसा भी देखा गया कि राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार बचा नहीं पाएगी. लेकिन आपसी गुटबाजी के साथ सरकार चल रही है. यही हाल छत्तीसगढ़ का भी है.
नाराज नेताओं को मनाना बड़ा चैलेंज
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव के बीच कुर्सी की लड़ाई लंबी चली. हालांकि राज्य में कांग्रेस 90 में से 71 विधायक के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी इस लिए छत्तीसगढ़ सरकार गिरने जैसे कोई स्थिति नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री पद के लिए ऊहापोह की स्थिति ढाई साल तक सखियों में रही. अब फिर से इन तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले है तो कांग्रेस पार्टी का चैलेंज ये है कि नाराज नेताओं से बातचीत कर पार्टी को मजबूती देना और आपसी गुटबाजी को पूरी तरह से समाप्त करने की पूरी कोशिश में करेगी.
अधिवेशन में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
इस अधिवेशन में देश के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी. जो इस साल होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अहम हो सकते है. अगले दो साल के कांग्रेस की क्या रणनीति होगी इसकी तैयारी अधिवेशन में किया जाएगा. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी अधिवेशन के मुद्दों को लेकर बताया कि महाधिवेशन हमें विशेष होता है. देश के विभिन्न मुद्दों के लिए 7 कमेटी बनाई गई है. इसमें देशव्यापी चर्चाएं होंगी. साथ ही पार्टी के संविधान में जो संशोधन होना है उसके बारे में यहां चर्चा की जाएगी. इसके अलावा कृषि को लेकर प्रस्ताव है, सोशल जस्टिस को लेकर दलित और कमजोर वर्ग के लोगो पर अत्याचार हो रहे है, संविधान को बचाने के लिए,किसानों को लेकर , आर्थिक नीति,देश में किस प्रकार की नीति होनी चाहिए, इसका अधिवेशन में निष्कर्ष निकाला जाएगा और जनता के सामने रखा जाएगा.
26 फरवरी को होगी कांग्रेस की बड़ी जनसभा
गौरतलब है कि नया रायपुर में 24 फरवरी से कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने वाला है. 23 फरवरी यानी आज राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रायपुर पहुंच जाएंगे. इसके अगले दिन राहुल गांधी भी अधिवेशन में शामिल होने रायपुर आएंगे,24 फरवरी को स्टेयरिंग कमेटी की मीटिंग होगी. 25 फरवरी को एआईसीसी और पीसीसी के सभी लोग शामिल होंगे और 26 फरवरी को एक बहुत बड़ा जनसभा किया जाएगा. इसमें 2 लाख लोगों को जोड़ने की तैयारी की गई है.