रोहतांग में पीएम मोदी, अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया’,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में ‘अटल सुरंग’ का उद्घाटन किया. हमारी सरकार के फैसले साक्षी हैं कि जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं. देश हित से बड़ा, देश की रक्षा से बड़ा हमारे लिए और कुछ नहीं, लेकिन देश ने लंबे समय तक वो दौर भी देखा है जब देश के रक्षा हितों के साथ समझौता किया गया.प्रधानमंत्री मोदी ने रोहतांग में कहा कि ‘अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया. साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था. अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया. हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था. अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई. नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई. सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया.प्रधानमंत्री ने कहा कि Border Infrastructure के विकास के लिए पूरी ताकत लगा दी गई है. सड़क बनाने का काम हो, पुल बनाने का काम हो, सुरंग बनाने का काम हो, इतने बड़े स्तर पर देश में पहले कभी काम नहीं हुआ. इसका बहुत बड़ा लाभ सामान्य जनों के साथ ही हमारे फौजी भाई-बहनों को भी हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती. आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता. अटल टनल की तरह ही अनेक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के साथ ऐसा ही व्यवहार किया गया. लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी के रूप में सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण एयर स्ट्रिप 40-45 साल तक बंद रही. क्या मजबूरी थी, क्या दबाव था, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता.
सुरंग के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज सिर्फ अटल जी का ही सपना नहीं पूरा हुआ है, आज हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का भी दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है. इस टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो जाएगी. पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है.