अटलजी की प्रार्थना सभा: पीएम मोदी हुए भावुक, बोले- कभी झुके नहीं, क्योंकि वो अटल थे
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नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में प्रार्थना सभा रखी गई है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम दिग्गज इस सभा में मौजूद है। बता दें कि 16 अगस्त को भारत रत्न अटल बिहारी वाजेपयी की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु पर देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया हुआ है। प्रार्थना सभा में अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता और उनकी बेटी निहारिका भी मौजूद हैं।
प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जीवन कितना लंबा हो ये हमारे हाथ में नहीं है लेकिन जीवन कैसा ये हमारे हाथ में है। अटल जी ने ये जीकर दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो, कैसे हो। जीवन सच्चे अर्थ में वही जी सकता है जो पल को जीना जानता है।
मोदी ने आगे कहा कि किशोरावस्था से लेकर जीवन के अंत तक वे जीए देश के लिए, देशवासियों के लिए, उसूलों के लिए, सामान्य मानव के अरमानों के लिए। उस काल में राजनीतिक जीवन में जब राजनीति की मुख्यधारा के निकटवर्ती कोई अन्य विचार या व्यवस्था दूर-दूर तक नजर नहीं आती थी। इतना ही नहीं देश का एक लंबा कालखंड, सार्वजनिक जीवन में खासकर राजनीतिक जीवन में छूआछूत का कालखंड रहा। अपमानित होने के पल-पल प्रयास होते थे, झेलना पड़ता था।
आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा दे रहे हैं अटल बिहारी
पीएम मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने काफी लंबा वक्त विपक्ष में रहकर गुजारा लेकिन कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। उन्हीं के प्रयासों से भारत एक परमाणु शक्ति के रूप में उभर पाया और उन्होंने ये शक्ति परीक्षण भी वैज्ञानिकों को समर्पित कर दिया। मोदी ने कहा कि वे कभी किसी के दवाब में नहीं आए क्योंकि वे अटल थे।
पीएम मोदी ने कहा कि रविवार को एशियन गेम्स में जब हिंदूस्तान का एक बेटा बजरंग पूनिया गोल्ड मेडल जीतता है, तो उसे अटल बिहारी को समर्पित करता है। इससे बड़ी जीवन की ऊंचाई और सफलता हो नहीं सकती है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दे रही है।
मैने कभी सोचा नहीं था कि एेसी सभा में बोलूंगाः अाडवाणी
प्रार्थना सभा में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि जीवन में अनेक सभाएं संबोधित की है, लेकिन आज जैसी सभा कभी संबोधित करूंगा, ये कल्पना कभी मेरे मन में नहीं थी। मैंने एक किताब लिखी थी, उसमें अटल जी के न आने पर मुझे बेहद दुख हुआ था। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरी अटल जी से मित्रता 65 साल से थी। अटल जी भोजन बहुत अच्छा पकाते थे, वे चाहे खिचड़ी ही सही। मैंने अटल जी से बहुत कुछ पाया है। अटल जी की गैरमौजूदगी में बोलने पर मुझे बहुत दुख हो रहा।
अटल जी के साथ के अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए आडवाणी ने कहा कि हम साथ में सिनेमा देखते थे। हमने बहुत कुछ अटल जी से सीखा और पाया। इसीलिए दुख होता है कि वो हमें छोड़कर, हमसे अलग हो गए। अटल जी ने जो कुछ हमें सिखाया, जो कुछ दिया, उसे हम ग्रहण करें।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह प्रार्थना सभा में अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि ये सच है कि आज अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन ये अहसास नहीं हो रहा है। जो भी अटल जी को जानता है, उनके व्यक्तित्व और छवि से वह प्रभावित हुआ है। उनकी छवि आज भी अटल है और अविचल है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कई लोग सोचते होंगे कि प्रधानमंत्री बनने के कारण उन्हें लोकप्रियता मिली है, लेकिन उन्हें यह सफलता प्रधानमंत्री बनने के कारण नहीं मिली बल्कि वो अगर किसी और काम में भी लगे होते तो यही लोकप्रियता मिली। पहली बार किसी गठबंधन की सरकार को 5 सालों तक सफलतापूर्वक अगर चलाया है तो वह अटल जी ने चलाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि माना जाता है कि अंतरराष्ट्रीय जगत में कोई बड़ी घटना होती है तो सीआइए को उसकी भनक लग जाती है लेकिन पोखरण परीक्षण के बाद तक भी सीआइए को भनक तक नही थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक अटल बिहारी वाजपेयी जीवित रहे तो उन्होंने प्रयास किया सबको साथ लेने का और आज जाते-जाते मृत्यु के बाद भी हमें एक हॉल में इकट्ठा कर गए। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं। ये उनकी महानता है। आजाद ने अटल बिहारी की याद में शेर भी पढ़ा।
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बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
आजाद ने कहा कि जब मैं सरकार में मंत्री था तो वे विपक्ष के नेता थे, हम साथ ही लंच किया करते थे और एक-दूसरे के दफ्तर में चाय पीया करते थे, जो कि उन दिनों में बहुत मुश्किल नहीं था। आजाद ने ये भी बताया कि वो एकमात्र ऐसे नेता थे, जिनका भाषण हम अपनी पार्टी से हटकर भी सुना करते थे। उनकी कठोर से कठोर बात भी मीठी लगती थी।
अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर अटल जी को याद रखना है तो उस देश को बनाओ, जिसमें प्रेम इतना हो कि ये दुनिया झुकने आ जाये, इस
देश के सामने कि ये देश है जो प्रेम बांटता है। वो प्रेम बांटिये, वही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी अटल बिहारी वाजपेयी को। उन्होंने कहा कि वो वजीर-ए-आजम नहीं हिंदूस्तान के दिलों के मालिक थे। उनका दिल बहुत बड़ा था। उन जैसा दिल किसी का नहीं।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह लोगों के लिए महापुरुष थे लेकिन जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं थे। वो भारत के पहले नेता थे जिन्होंने वहां के लोगों पर विश्वास किया और लोगों ने भी जिनपर विश्वास किया। महबूबा ने आगे कहा कि ये वाजपेयी ही थे जो पाकिस्तान गए और प्रधानमंत्री मूशर्रफ को ये कहने के लिए मजबूर किया कि वे जम्मू और कश्मीर की धरती का इस्तेमाल अलगाववाद और घुसपैठ के लिए नहीं करेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि उनके लिए दल नहीं देश हित पहले था। रामविलास ने कहा कि नेता में जो सबसे बड़ा होता है वो दिल होता है, दिल बड़ा होता है तो दल भी बड़ा हो जाता है। राष्ट्रहित सबसे ऊपर, पार्टी हित उसके बाद, व्यक्ति हित सबसे नीचे। उन्होंने हमेशा देश हित को सबसे ऊपर रखा।
टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि दुनिया में एक समूदाय है जो किसी के गुजर जाने पर RIP लिखता है, जिसका मतलब होता है ‘Rest in Peace’ लेकिन 16 अगस्त के बाद से इस महान आदमी के चले जाने के बाद अब RIP का मतलब होगा Really Incredible Person.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वो एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। अजातशत्र होने के साथ-साथ संवेदनशील कवि, स्वभावगत पत्रकार, देशभक्त नेता, जागरूक सांसद और पार्टी को कभी अपने सिद्धांतों से न डिगने देने वाला नेता था। कारगिल के जरिए सीमाओं को तोड़े बगैर साहस से जवाब देने का शक्ति अटल में ही थी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनके जाने से सार्वजनिक जीवन में जो रिक्तता हुई है, उसे भर पाना काफी लंबे वक्त संभव नहीं होगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता अटल बिहारी वाजपेयी के दिखाए मार्ग पर ही चलेगा।
ये लोग रहे मौजूद
प्रार्थना सभा में संघ प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, योग गुरू स्वामी रामदेव, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला समेत देश के कई दिग्गज नेता भी मौजूद हैं।