मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर उमंग सिंघार के बाद ओमकार सिंह मरकाम भी सक्रिय
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भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर दिल्ली में सोमवार को भी सरगर्मी बनी रही, लेकिन राहुल गांधी की मान-मनोव्वल में इस मुद्दे पर हाईकमान में चर्चा नहीं हो सकी। मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव उमंग सिंघार के बाद मंत्री ओमकार सिंह मरकाम भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं, दो अन्य मंत्री बाला बच्चन व कमलेश्वर पटेल के नाम भी इस दौड़ में शामिल हैं, लेकिन कांग्रेस अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा वापसी में उलझी है। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर हाईकमान चिंतित नहीं है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष पर फैसले के बाद यह समझा जा रहा था कि मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला भी एक या दो दिन में हो जाएगा, लेकिन हाईकमान मप्र को लेकर फिलहाल जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहता।
मप्र की स्थिति छत्तीसगढ़ की तुलना में अलग है, क्योंकि मध्यप्रदेश में गुटीय संतुलन बनाने में हाईकमान को सामान्य परिस्थितियों में ही पसीना छूट जाता है तो ऐसे हालात में जोखिम लेने को कोई भी तैयार नहीं है। प्रदेश में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी जैसे दिग्गजों की सहमति से ही नया पीसीसी अध्यक्ष बनाने की कवायद होगी और इनमें से कमलनाथ व ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए मनाने में लगे हैं।
इधर, पीसीसी अध्यक्ष बनने के लिए युवा नेता दौड़-भाग तो कर रहे हैं, लेकिन खुलकर सामने नहीं आना चाहते। मंत्रीगण बाला बच्चन, उमंग सिंघार, ओमकार सिंह मरकाम व कमलेश्वर पटेल के नाम चर्चा में हैं, जिनमें से बाला बच्चन मुख्यमंत्री कमलनाथ के सुविधाजनक पीसीसी अध्यक्ष बन सकते हैं। कमलेश्वर पटेल का नाम प्रभारी महासचिव पद से इस्तीफा देने के पहले दीपक बाबरिया ने आगे बढ़ाया है।
उमंग सिंघार व कमलेश्वर पटेल के नाम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति भी मिल सकती है। उमंग व मरकाम राहुल गांधी की पसंद हैं। मगर कमलनाथ सरकार के सामने लोकसभा चुनाव की हार के बाद नगरीय निकाय-पंचायत व सहकारिता चुनाव की चुनौती है और ऐसे में संगठन का साथ बेहद जरूरी होगा। सरकार और संगठन के बीच समन्वय के लिए दिग्विजय-सिंधिया से ज्यादा मुख्यमंत्री कमलनाथ की सहमति जरूरी होगी। अगर यह ध्यान में रखा गया तो बच्चन के पीसीसी अध्यक्ष बनने के ज्यादा आसार हैं।