अब इस रेट बिक रहा है अंडा, सिर्फ 18 दिन में 130 रुपये तक महंगा हो गया अंडा
इस सीजन में अंडा बाज़ार (Egg Market) लगातार अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. जानकारों की मानें तो आज से 4 साल पहले अंडा 543 रुपये के रेट से बिका था. अंडे के लगातार बढ़ते रेट के बारे में किसी का कहना है कि मुर्गियों में आरडी नाम की बीमारी आई है, तो किसी का कहना है कि महंगा अंडा बेचने के लिए यह मार्केट की स्ट्रेटजी है. क्योंकि कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) में भी अंडा भरा हुआ है.aबीते 18 दिन में अंडे के भाव में 130 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. देश की सबसे बड़े अंडा बाज़ार बरवाला (Barwala) में 550 रुपये प्रति सैंकड़ा के भाव से अंडा बिक रहा है.
18 दिन में 420 से 550 के रेट पर पहुंचा अंडा
“2 दिसम्बर को प्रति 100 अंडे का भाव 420 रुपये था. 5 दिसम्बर को यह 423 रुपये हो गया. हमेशा इसी अंतर से बाज़ार ऊपर-नीचे होता रहता है. अगर बहुत ज़्यादा बाज़ार बिगड़ता भी है तो 7-8 रुपये का फर्क आता है. लेकिन 6 दिसम्बर को बरवाला जो देश की सबसे बड़ी अंडा मंडी है में अंडे का भाव 483 रुपये पर पहुंच गया. अगर बीते 4-5 दिन की बात करें तो अंडे के भाव में 40 से 45 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. अभी कारोबारी बहुत सहमा हुआ है. ऐसी आशंका है कि अंडा बाज़ार अभी और ऊपर जा सकता है.”
पोल्ट्री फार्म मालिक की मानें तो, कोरोना के चलते लाखों मुर्गियां जिंदा ज़मीन में दफन कर दी गईं. अंडे-चूजे तक ज़मीन में दबा दिए गए. फ्री में भी कोई लेने वाला नहीं था. ऐसे में पोल्ट्री वाला अंडा न बिकने पर कब तक मुर्गी को दाना खिलाता. फिर ट्रांसपोर्ट बंद होने से दाना भी नहीं मिल रहा था. जो था भी तो बहुत महंगा था. 60 फीसद करीब मुर्गियां कोरोना-लॉकडाउन के दौरान मार दी गईं. अब अंडा देने वाली मुर्गियां कम हैं और अंडे की डिमांड ज़्यादा है.
बरवाला मंडी में खबर फैली की मुर्गियों में आरडी नाम की बीमारी आ गई है. इस बीमारी में मुर्गी को मोल्डिंग पर रख दिया जाता है. यह 10 से 15 दिन का वक्त होता है. इस दौरान मुर्गी अंडा नहीं देती है. उसे सिर्फ दवाई पर रखा जाता है. दाना भी ना के बराबर दिया जाता है. जिसके चलते अंडे का प्रोडक्शन कम हो जाता है. लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक अफवाह है. जहां 300 से 350 फार्म हैं वहां एक-दो फार्म की कुछ मुर्गियों में आरडी का होना सामान्य सी बात है.