नवजोत सिद्धू अपने रुख पर अडिग, एक्शन पर असमंजस में आलाकमान, चल रही ‘सुनवाई’
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चंडीगढ़ । पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना विभाग बदले जाने के एक महीने बाद भी कार्यभार नहीं संभाला है। ऐसे में कार्रवाई के बदले कांग्रेस नेतृत्व ‘सुनवाई’ में जुट गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार भी अब मामले में बचाव की मुद्रा में दिख रही है। अमरिंदर सरकार के मंत्री पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मिल कर सफाई दे रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री से लेकर पंजाब के तीन मंत्री अहमद पटेल से मिल चुके हैं। इसके बावजूद सिद्धू को लेकर कांग्रेस कोई ठोस फैसला नहीं ले पा रही है।
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में शुरू हुई उठापटक अभी तक जारी है। राज्य में पहला ऐसा मौका है जब एक माह बाद भी किसी मंत्री ने अपने विभाग की जिम्मेदारी न संभाली हो। पार्टी ठोस कार्रवाई न करके बचाव करती नजर आ रही है। 6 जून को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रियों के विभाग में बदलाव किया था। इसके बाद सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के पास शिकायत की थी। राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह इस मामले को हल करें।
शनिवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अहमद पटेल से मिले थे। कैप्टन के मुलाकात के चार दिन बाद ही स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा की अगुवाई में तीन मंत्री अहमद पटेल से मिले। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू भी इस बैठक में शामिल हुए थे।
महत्वपूर्ण यह रहा कि राहुल की ओर से अहमद पटेल को जिम्मेदारी सौंपने के बाद से ही स्थानीय निकाय विभाग खासा सक्रिय था। भले ही मुख्यमंत्री ने 13 मंत्रियों के विभाग में बदलाव किया हो, लेकिन केवल सिद्धू ही ऐसे मंत्री थे, जिन पर नाकामी का आरोप लगा था। कैप्टन अमरिंदर ने सीधे-सीधे कहा था कि सिद्धू के विभाग की नाकामी की वजह से लोकसभा चुनाव में शहरी मतों में कांग्रेस को नुकसान हुआ। इस कारण सिद्धू ने अभी तक अपने नए विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली है।
सिद्धू को बताया था हार का जिम्मेदार
ब्रह्म मोहिंद्रा अहमद पटेल से सिद्धू के खिलाफ अच्छा-खासा पुलिंदा लेकर मिलने गए थे। महत्वपूर्ण यह है कि लोकसभा चुनाव में मिशन 13 के न पूरा होने का जिम्मेदार भले ही सिद्धू को ठहराया गया हो, लेकिन पंजाब सरकार उनके खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाई है। कैप्टन ने भी सिद्धू पर ही ठीकरा फोड़ा था।