Myanmar Elections: म्यांमार में कमजोर विपक्ष के बीच फिर से चुनाव जीत सकती है आंग सान सू की पार्टी
कोरोना महामारी के बीच रविवार को म्यांमार में संसदीय चुनाव के लिए हुए मतदान में लोगों ने बढ़कर हिस्सा लिया। पिछले चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने वाली नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के हाथ में फिर सत्ता आ सकती है। 2015 के चुनाव में एनएलडी की जबरदस्त जीत के साथ देश से 50 साल के सैन्य शासन का अंत हुआ था।
देश की 90 से अधिक पार्टियों ने संसद के ऊपरी और निचले सदन के लिए उम्मीदार खड़े किए हैं। एनएलडी के सामने पांच साल पहले की तरह इस बार भी सैन्य समर्थित ‘यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी’ की सबसे बड़ी चुनौती है। सेना समर्थित इस पार्टी ने संसद में विपक्ष का नेतृत्व किया था। पिछले चुनाव में अधिकतर जातीय पार्टियों ने सू की एनएलडी को समर्थन किया था। हालांकि, इस बार जातीय पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि सोमवार सुबह से नतीजों की घोषणा शुरू हो सकती है, लेकिन अंतिम परिणाम आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है।
सू सबसे लोकप्रिय नेता
देश में लहर सू की एनएलडी पार्टी की है और वह दोबारा जीत सकती है। हालांकि, गरीबी दूर करने और जातीय समूहों के बीच तनाव को कम करने में नाकाम रहने के कारण इस बार उनकी पार्टी को अपेक्षाकृत कम मत मिलने के आसार हैं। सू देश में अब तक की सबसे लोकप्रिय नेता हैं और उनकी पार्टी का देशभर में मजबूत नेटवर्क है। स्टेट काउंसलर सू की सत्ताधारी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती चुनाव सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाना है। सेना ने 2008 में संविधान तैयार किया था। इसके तहत संसद की 25 फीसदी सीटें सेना को स्वत: मिल जाती हैं, जो सांविधानिक सुधारों में सबसे बड़ी बाधा है।
3.5 करोड़ में 5 लाख युवा मतदाता
देश में 3.7 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिसमें 5 लाख युवा हैं, जिन्होंने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कोरोना महामारी के चलते 60 साल से ऊपर के मतदाताओं ने एक महीने पहले ही अपना वोट डाला था। 75 वर्षीय सू ने अपने गृह संसदीय क्षेत्र राजधानी नेपीता में अपना वोट डाला था।
देश में मजबूत विकल्प का अभाव
यंगून में रहने वाले राजनीतिक विश्लेषक रिजर्ड होर्सी ने कहा कि चुनाव में सात दर्जन से अधिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन देश में अब भी एक विश्वसनीय विकल्प का अभाव है। म्यांमार की बहुसंख्यक जातीय आबादी सू के समर्थन में है, इसलिए एनएलडी इस बार भी चुनाव जीत सकती है।
मिस्र में संसदीय चुनाव के दूसरे एवं अंतिम चरण का मतदान समाप्त
वहीं, मिस्र में संसदीय चुनाव के दूसरे व अंतिम चरण के मतदान में राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी को बहुमत मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। दूसरे चरण में मिस्र के 27 में से 13 प्रांतों में दो दिन मतदान हुआ। पिछले माह पहले चरण में 90 लाख (28 फीसदी) लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनाव नतीजे इस सप्ताह के अंत में आने की संभावना है।