मंत्री राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ लड़ सकते हैं चुनाव
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कोलारस-मुंगावली उप चुनाव में हार के बाद भाजपा को अब विंध्य से एक करारा झटका लगा है। यहां सेमरिया से भाजपा विधायक नीलम मिश्रा के पति एवं रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा ने भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। वे आगामी विधानसभा चुनाव में शिवराज सरकार में मंत्री राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं। मिश्रा की नाराजगी यह है कि पार्टी रीवा में एक व्यक्ति (राजेंद्र शुक्ला) की बंधक बनकर रह गई है,
मैं पार्टी में जिल्लत की जिंदगी जी रहा था, इसलिए पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। रही बात मेरी प|ी की तो वे भाजपा से विधायक हैं और रहेंगी। हालांकि वे भी साल भर पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर आगे चुनाव न लड़ने की बात कह चुकी हैं। बता दें कि अभय मिश्रा को भाजपा पहले एक बार पंचायतों के अधिकार का आंदोलन करने पर निलंबित कर चुकी है, लेकिन बाद में उन्हें पार्टी में वापस ले लिया गया था। मिश्रा ने सोमवार को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
मुरैना। पूर्व विधायक परशुराम मुदगल ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दूसरी बार निशाना साधते हुए कहा कि सीएम ने उनसे वादाखिलाफी की है। भाजपा में सम्मान नहीं है, इसलिए पार्टी ने टिकट दिया तो ठीक अन्यथा किसी दूसरी पार्टी के टिकट पर मुरैना सीट पर विधानसभा का चुनाव जरूर लडूंगा।
होली मिलन समारोह में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक मुदगल ने कहा कि 2013 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुझसे वादा किया था कि भाजपा में आने के बाद आपको यथोचित स्थान मिलेगा। जब विधानसभा चुनाव का टिकट देने की बारी आई तो मुझे जौरा से टिकट देने की बात कही गई। मैंने इनकार कर दिया तो मुझे सत्ता-संगठन में उचित स्थान दिए जाने की बात भी कही गई, लेकिन चार साल का समय बीतने तक प्रदेश के मुखिया अपने वादे पर खरे साबित नहीं उतरे।
पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। ऐसा बताया जा रहा है कि सरताज सिंह ने मुख्यमंत्री को सफाई देते हुए बताया कि उनकी नाराजगी सरकार से नहीं, बल्कि संगठन से है। दूसरी तरफ नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि वे सरताज सिंह की नाराजगी से सहमत नहीं हूं। एक जिम्मेदार नेता इस तरीके के बयान देकर ठीक नहीं कर रहे हैं। बता दें कि सरताज सिंह ने बयान दिया था कि भाजपा में उन्हें घुटन महसूस हो रही है। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि जब मैं बीमार पड़ा तो मेरा मेडिकल बिल पास कराने की भी रिश्वत की मांगी हुई, यह साबित करता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार हावी है।