मयंक अग्रवाल ने पेश किया वनडे का दावा, शिखर नहीं रोहित की जगह मिल सकता है मौका
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नई दिल्ली । भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल की टेस्ट मैचों में आक्रामक बल्लेबाजी से उनके लिए सीमित ओवरों की टीम में चयन के दरवाजे खुल सकते हैं। मामूली भर टेस्ट मैच खेलकर अपनी जगह सीमेंट से भी ज्यादा मजबूत करने वाले सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले महीने होने वाली सीरीज के लिए टीम में जगह बना सकते हैं।
क्रिकेट पंडितों का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में अगर उप कप्तान रोहित शर्मा को अगले साल के शुरू में होने वाले न्यूजीलैंड दौरे से पहले विश्राम दिया जाता है तो फिर मयंक अग्रवाल अच्छे विकल्प हो सकते हैं। रोहित पिछले कुछ समय से लगातार खेल रहे हैं। हालांकि, उन्हें वेस्टइंडीज में खेले गए दो टेस्ट मैचों में मौका नहीं मिला था, लेकिन वह टीम में शामिल थे।
लिस्ट ए में किया है दमदार प्रदर्शन
भारतीय उप कप्तान न्यूजीलैंड दौरे के लिए तीनों प्रारूपों में टीम का अहम हिस्सा होंगे। इस दौरे में भारत को पांच टी-20 अंतरराष्ट्रीय, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं। ऐसे में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीमित ओवरों के मैचों में मयंक अग्रवाल एक विकल्प हो सकते हैं, जिन्होंने लिस्ट-ए में अब तक 50 से अधिक औसत और 100 से ज्यादा स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं और 13 शतक ठोके हैं।
शिखर धवन की लंबे समय से चली आ रही खराब फॉर्म और केएल राहुल के अलावा एक अन्य विकल्प तैयार रखने की जरूरत के चलते भी अग्रवाल के पक्ष में मामला बन सकता है। अग्रवाल को विश्व कप के दौरान आखिरी मैचों के लिए चोटिल विजय शंकर की जगह टीम में लिया गया था। उन्हें टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन इससे यह संकेत मिले कि कर्नाटक का यह बल्लेबाज अपने आक्रामक खेल के कारण सीमित ओवरों की योजना में शामिल है।
विश्व कप पर हो सकती हैं निगाहें
जानकारों का मानना है कि भारत में 2023 में होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए अग्रवाल लंबी अवधि का विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि हो सकता है कि लगातार खराब फॉर्म से जूझ रहे धवन तब टीम में न हों। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और क्रिकेट विश्लेषक दीप दासगुप्ता को अग्रवाल को छोटे प्रारूप में आजमाने में कुछ गलत नजर नहीं आता और वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज इसके लिए उचित मंच हो सकता है।
दीप दासगुप्ता ने कहा कि यह अच्छा होगा अगर भारतीय टीम प्रबंधन के दिमाग में सलामी बल्लेबाज के विकल्प के तौर पर मयंक का नाम है। असल में वह सफेद गेंद के नैसर्गिक खिलाड़ी हैं, जिन्होंने बहुत अच्छी तरह से अपने खेल को लाल गेंद की क्रिकेट के अनुकूल ढाला है। बता दें कि उन्हें वर्ल्ड कप 2019 में रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में जगह मिली थी, लेकिन वे खेल नहीं पाए थे।
उन्होंने कहा कि अगर आप मयंक पर गौर करो तो उनकी प्रतिभा पर कभी सवाल नहीं उठा। उनके पास तमाम तरह के शॉट हैं। पूर्व में वह शुरू में तेजी से रन बनाने के बाद विकेट गंवा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अग्रवाल ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की है और केवल आठ टेस्ट मैचों में उनके नाम पर दो दोहरे शतक दर्ज हो चुके हैं।