अनवर इब्राहिम बने मलेशिया के नए प्रधानमंत्री:सोडोमी और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हैं, किंग सुल्तान अब्दुल्ला ने नियुक्ति की
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अनवर इब्राहिम मलेशिया ने गुरूवार को मलेशिया के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। मलेशिया में 19 नवंबर को चुनाव के बाद से गतिरोध चल रहा था। इसी बीच किंग सुल्तान अब्दुल्ला ने अनवर को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। 2018 से लेकर अब तक मेलेशिया में तीन बार चुनाव हो चुके हैं। अनवर इब्राहिम साल 1990 में उप-प्रधानमंत्री थे और 2018 में वो प्रधानमंत्री बनने से चूक गए थे।
मलेशिया के किंग सुल्तान अब्दुल्लाह सुल्तान अहमद शाह के पास प्रधानमंत्री को नियुक्त करने की पावर होती है। इसके लिए सभी दलों को उनके सामने बहुमत साबित करना होता है। अनवर काफी समय से इंडोनेशिया में विपक्ष के नेता रह चुके हैं। पांच दिन पहले हुए चुनाव में अनवर इब्राहिम के समर्थन वाले गठबंधन पकतान हरापात ने 82 सीटें जीती थी।
अनवर इब्राहिम रजाक ने इलेक्शन कैंपेन के दौरान जोर-शोर से प्रचार किया था।
भ्रष्टाचार औऱ सोडोमी के लग चुके आरोप
मलेशिया के नए प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम भ्रष्टाचार और सोडोमी के आरोप में लगभग एक दशक तक जेल में रहे थे। हालांकि उन पर लगे आरोपों को उनके समर्थक राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। अब उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद मार्केट में पॉजिटिव रूझान देखने को मिले हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि अब मलेशिया में एक ताकतवर औऱ स्टेबल सरकार रहेगी। एक समर्थक ने कहा, हम धर्म और जाति के आधार पर औऱ विभाजित देश में नहीं रह सकते। इससे हम दस साल पीछे चले जाते हैं।
मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री अरबों डॉलर्स के घोटाले के बाद से जेल में बंद हैं।
साल 2018 से जारी है राजनीतिक उठापटक
मलेशिया में साल 2018 से ही राजनीतिक उठापटक का दौरा जारी है। इसी साल पहली बार इब्राहिम अनवर की पार्टी ने चुनाव जीता था। इससे मलेशिया कि राजनीति में वहां के प्रमुख राजनीतिक गठबंधन बारिसन नेशनल का दबादब खत्म हुआ था। वहां के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक के मल्टी बिलियन डॉलर्स से जुड़े मामले में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद पार्टी को फिर से बहुमत नहीं पाया। नजीब को इस घोटाले के लिए 12 साल की सजा हो चुकी है। साल 2020 में भी जब अनवर प्रधानमंत्री बनने वाले थे तब उनके दल के कुछ नेता विपक्षी पार्टी में मिल गए थे। जिसके बाद सरकार गिर गई थी।