लालू कुनबे में कलह, आखिर अपने अर्जुन, तेजस्वी से क्यों खफा हैं तेजप्रताप भैया
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लोकसभा चुनाव 2019 की जंग में एक ओर एनडीए है तो दूसरी ओर महागठबंधन, दोनों के बीच बिहार में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। लेकिन इस जंग में महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद कुनबे में पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के परिवार में ही सियासी घमासान मच गया है, जिसे संभालने की कोशिश जारी है।
लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर से बागी तेवर अपना लिया है और सोमवार को एलान कर दिया कि वह लालू-राबड़ी मोर्चा बनाएंगे। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वो लोकसभा चुनाव में राजद की सभी 20 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार भी उतारेंगे। उन्होंने खुद के सारण सीट से चुनाव लड़ने की भी बात कह दी है।
एेसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या लालू परिवार में दरार पड़ गई है? तेजस्वी के लिए एनडीए के साथ-साथ अपने परिवार में भी लड़ाई लड़नी होगी। इस वक्त परिवार और पार्टी को लालू की कमी खल रही है। लालू होते तो एेसा नहीं होता। बताया जा रहा है कि तेजप्रताप से लालू काफी नाराज हैं और उनसे बात भी नहीं कर रहे।
एेसे में लग रहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश के ‘मुलायम परिवार’ में शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव से बगावत कर अलग पार्टी बनाई थी तो वैसे ही क्या छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन बताने वाले और खुद को कृष्ण बताने वाले तेजप्रताप अपने ही अर्जुन से खिलाफत करेंगे?
तेज प्रताप ने आरोप लगाया है कि महागठबंधन की सीटों के एलान से पहले तक उनसे यही कहा जाता रहा है कि उनसे बात की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका मतलब साफ है कि सीटों के बंटवारे को लेकर तेज प्रताप की राय नहीं ली गई है। ऐसे में अब तेज प्रताप अपने उम्मीदवार राजद के खिलाफ उतारते हैं तो पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।