Karnataka: अयोग्य करार दिए गए तीन बागी विधायक खटखटाएंगे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
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नई दिल्ली । कर्नाटक में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब अयोग्य करार दिए गए तीन बागी विधायक रमेश एल. जर्किहोली (Ramesh Jarkiholi, कांग्रेस), महेश कुमाथल्ली (Mahesh Kumathalli, कांग्रेस) और आर. शंकर ( R Shankar, निर्दलीय) ने कहा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष (speaker KR Ramesh Kumar) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
स्पीकर रमेश कुमार ने 25 जुलाई को इन तीन विधायकों को अयोग्य ठहराते समय ही स्पष्ट कर दिया था कि दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराए गए विधायक 2023 तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि, विधानसभा को भंग किया जाता है तो नए सिरे से होने वाले चुनाव में जरूर शामिल हो सकते हैं। इससे इतर कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा आज सदन में विश्वास मत परीक्षण का सामना कर रहे हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के विश्वास मत हासिल करने से ठीक एक दिन पहले रविवार को भी स्पीकर केआर रमेश कुमार ने और 14 बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया। ये विधायक अब मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल यानी 2023 तक विधानसभा का उपचुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। स्पीकर ने कहा कि कांग्रेस और जदएस ने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील की थी। बागी विधायकों ने उनके सामने पेश होने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
रविवार को जिन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया था उनमें कांग्रेस के प्रताप गौड़ा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवाराम हैब्बर, एसटी सोमाशेखर, बी बसवराज, आनंद सिंह, रोशन बेग, मुनिरत्ना, के. सुधाकर, एमटीबी नागराज और श्रीमंत पाटिल शामिल हैं। अयोग्य ठहराए गए विधायकों में जदएस के तीन विधायक गोपालैया, एएच विश्वनाथ और नारायण गौड़ा शामिल हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर पिछले बुधवार को दिए अपने आदेश में कहा था कि उनके इस्तीफे पर स्पीकर सही समय पर कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।