सिब्बल ने दिए कांग्रेस में नए घमासान के संकेत, कहा- राहुल ने कहा था कि गांधी परिवार से बाहर का बने पार्टी अध्यक्ष
नई दिल्ली। कांग्रेस में बिहार की हार को लेकर शुरू हुई अंदरूनी सिरफुटव्वल थमती नजर नहीं आ रही। पार्टी की सियासी जमीन कमजोर होने के बावजूद नेतृत्व की संवाद की कमी पर सवाल उठाने वाले वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने खुद पर किए जा रहे हमलों पर जवाबी पलटवार किया है। सिब्बल ने अशोक गहलोत और अधीर रंजन चौधरी सरीखे नेताओं पर जवाबी निशाना साधते हुए कहा कि वह गांधी परिवार के खिलाफ नहीं हैं। खुद राहुल ने लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफा देते समय कह दिया था कि वह अध्यक्ष नहीं बनना चाहते और यह भी नहीं चाहते कि गांधी परिवार का कोई सदस्य यह जिम्मेदारी ले।
नए घमासान के संकेत
कपिल सिब्बल का यह ताजा बयान सीधे तौर पर राहुल गांधी की दूसरी पारी के लिए पार्टी में की जा रहीं अंदरूनी तैयारियों को लेकर नए घमासान का साफ संकेत है। सिब्बल ने एक चैनल से बातचीत में सवाल किया, वह पूछना चाहते हैं कि राहुल गांधी के इस्तीफे और उनकी इस बात के करीब डेढ़ साल बाद भी कोई राष्ट्रीय पार्टी इतने लंबे वक्त तक बिना अध्यक्ष के काम कैसे कर सकती है। पार्टी का कार्यकर्ता किसके पास अपनी समस्याओं को लेकर जाएगा। बीते दो लोकसभा चुनावों में हार के बाद भी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कोई बदलाव नहीं हुआ है।
…तो वांछित नतीजे कैसे मिलेंगे
सिब्बल ने पार्टी संगठन के चुनाव कराए जाने पर जोर देते हुए कहा कि यदि संगठन चुनाव हम नहीं कराएंगे तो हमें वांछित नतीजे भला कैसे मिलेंगे और कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में हमने यही बात उठाई थी, लेकिन इन मुद्दों पर किसी ने कोई बात नहीं की। पार्टी के हालात पर उठाए गए सवालों को गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह से जोड़े जाने पर सिब्बल ने कहा कि वह गांधी परिवार के खिलाफ नहीं बल्कि पार्टी में लोकतांत्रिक ढांचे की बात उठा रहे हैं।
बंगाल चुनावों पर फोकस करें अधीर
अधीर रंजन के हमलों पर सिब्बल ने कहा कि वह उनको यही सलाह देंगे कि वह बंगाल चुनावों पर फोकस करें। पार्टीजनों की भावनाएं आहत होने के अशोक गहलोत के वार पर सिब्बल ने जवाबी सवाल किया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का क्या होगा। बिहार की हार ने हजारों कार्यकर्ताओं को दीवाली के मौके पर घरों में कैद रहने को विवश कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनावों में खराब प्रदर्शन करती है तो उनकी भावनाएं भी आहत होती हैं।