कम समय में अच्छा रिटर्न कमाने के बेहतरीन विकल्प
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अगर आपको पैसा बनाना है तो लंबे समय के लिए निवेश करना होगा ये सलाह आपको अधिकतर जानकार देते हैं। पर उन लोगों का क्या जो छोटी अवधि में रिटर्न कमाना चाहते हैं।
यह सच है कि एक लम्बे अवधि के लिए किया गया निवेश महंगाई को मात देने वाला रिटर्न देने में ज्यादा सक्षम होते हैं। लेकिन, कभी-कभी आपको अपने कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट टर्म (कम अवधि) वाले फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शॉर्ट टर्म (जैसे 1 से 2 साल) के लिए निवेश करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, यह भी एक सच्चाई है कि शॉर्ट टर्म के लिए ऐसे बहुत सारे निवेश के विकल्प नहीं हैं जो आपको बहुत अच्छा रिटर्न दे सकते हों, ख़ास तौर पर तब जब आप टैक्स लाभ वाले इन्वेस्टमेंट विकल्प पर गौर करते हैं। यहाँ 3 ऐसे निवेश के विकल्प के बारे में बताया जा रहा है जिन पर आप गौर कर सकते हैं:
फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) काफी लम्बे समय से, ज्यादा जोखिम उठाए बिना अपनी सेविंग्स पर गारंटीशुदा रिटर्न चाहने वाले अनगिनत निवेशकों के लिए एक पसंदीदा निवेश का विकल्प रहा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह 1 से 2 साल जैसे शॉर्ट टर्म के लिए भी एक अच्छा निवेश का विकल्प है।
बैंक बाज़ार द्वारा इकठ्ठा किए गए लेटेस्ट डेटा से पता चलता है कि 1 से 2 साल के लिए FD इंटरेस्ट रेट 6.25% से 8% के आसपास रहता है और सीनियर सिटीजन डिपोजिटरों के लिए यह रेट थोड़ा अधिक होता है।
इसके और भी लाभ हैं, जैसे एक FD अकाउंट खोलना बेहद आसान है (अधिकांश फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट्स को बिना किसी पेपरवर्क के मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशंस के माध्यम से कुछ ही मिनट में खोला जा सकता है) और इस डिपोजिट पर कितना रिटर्न मिल सकता है यह भी एकदम स्पष्ट रहता है।
इसके अलावा, आम धारणा के विपरीत, एक फाइनेंशियल इमरजेंसी के दौरान समय से पहले FD से पैसे निकालना अभी भी एक फायदेमंद ऑप्शन है। आपके बैंक के आधार पर, एक FD को 1% इंटरेस्ट के नुकसान के साथ मैच्योरिटी से पहले तोड़ा जा सकता है (इस तरह प्रिंसिपल इन्वेस्टमेंट, सुरक्षित रहता है)।
लेकिन, सभी FD (5-इयर टैक्स-सेवर्स के अलावा) की सबसे बड़ी खराबी यही है कि FD पर बहुत कम रिटर्न मिलता है क्योंकि यह रिटर्न, लागू होने लायक टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्सेबल होता है, लेकिन सीनियर सिटीजन डिपोजिटरों के लिए 50,000 रु. तक का रिटर्न टैक्सेबल नहीं होता है।
इसी तरह, ऐसा भी हो सकता है कि टैक्स और महंगाई एडजस्टेड FD रिटर्न, आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काफी न हो। फिर भी यह 1 से 2 साल के निवेश समय सीमा में मध्यम रिटर्न पाने का एक सुरक्षित तरीका है।
रिकरिंग डिपॉजिट
जिन शॉर्ट टर्म निवेशकों के पास FD में निवेश करने के लिए एक लम्प सम फंड नहीं होता है उन्हें रिकरिंग डिपॉजिट (RD) में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए जिसकी सुविधा सभी बड़े बैंकों और यहाँ तक कि डाकघरों में भी उपलब्ध है।
RD थोड़ा-थोड़ा करके निवेश किया जाने वाला प्लान है जहाँ डिपॉजिटर 6 महीने से 10 साल के बीच किसी भी समय सीमा का चुनाव कर सकते हैं और रेगुलर डिपॉजिट पर 5.75% से 7.5% (अप्रैल 2019 के डेटा के अनुसार, सीनियर सिटिज़न्स के लिए 8.05% तक) का गारंटीशुदा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
प्रिंसिपल अमाउंट पर 1-2% इंटरेस्ट देने के बाद पोस्ट-लॉक-इन प्रीमैच्योर निकासी (लेकिन आंशिक निकासी नहीं) की जा सकती है और एक लोन देते समय यह जमानत की भूमिका भी निभा सकता है।
लेकिन, RD रिटर्न भी टैक्सेबल होते हैं, जो इसके वैल्यू को कम कर देते हैं जिसके बाद महंगाई के कारण इसका वैल्यू और कम हो जाता है। लेकिन फिर भी यह एक ऐसा सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है जो एक सेविंग्स अकाउंट से बेहतर रिटर्न दे सकता है।
लिक्विड म्यूचुअल फंड
एग्जिट लोड फ्री लिक्विड डेट म्यूचुअल फंड, शॉर्ट टर्म के लिए अपने एक्स्ट्रा पैसे को निवेश करने का एक अच्छा निवेश का विकल्प है। चूंकि इनमें कोई एग्जिट लोड नहीं होता है इसलिए आपके पास जब चाहे तब इसमें से अपना पैसा निकालने का विकल्प रहता है।
इस फंड में डाले जाने वाले पैसे को तरह-तरह के मनी मार्केट उत्पादों जैसे डिपॉजिट सर्टिफिकेट, ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर, और टर्म डिपोजिट इत्यादि में निवेश किया जाता है और इन्हें कम परिवर्तनशील (वोलेटाइल) माना जाता है और इनका मैच्योरिटी पीरियड 91 दिनों तक का होता है।
वैल्यू रिसर्च द्वारा इकठ्ठा किए गए लेटेस्ट डेटा से पता चलता है लिक्विड डेब्ट फंड ने 1 साल में औसतन 6.91% का रिटर्न दिया है।
ध्यान दें कि 3 साल से कम समय के लिए लिक्विड डेब्ट फंड में किए गए निवेश पर होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है जिसे आपके इनकम में जोड़ दिया जाता है और आप पर लागू होने लायक टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लिया जाता है। लेकिन, सभी म्यूचुअल फंड्स, मार्केट परफॉरमेंस से जुड़े होते हैं, इसलिए कोई भी निवेश फैसला लेने से पहले उनके बारे में अच्छी तरह जान लेना जरूरी है।