भारत की होगी बिटक्वाइन की तरह अपनी डिजिटल करेंसी, आरबीआई का इंटर पैनल इस पर कर रहा काम
आरबीआई एक आधिकारिक डिजिटल करेंसी को जल्द से जल्द देश में लाने के लिए काम कर रहा है। इसे क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर ही लाने की तैयारी है। आरबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि डिजिटल करेंसी को लाने से क्या फायदे होंगे और यह कितना उपयोगी होगी। इसको लेकर शुक्रवार को आरबीआई के डीप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने कहा कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी के मॉडल पर RBI का आंतरिक पैनल काम कर रहा है और बहुत जल्द इस पर भी फैसला लेगा।
वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, “डिजिटल करेंसी के संबंध में मुझे लगता है कि हमने पहले ही अपना दस्तावेज़ जारी कर दिया है। हमारा डिजिटल भुगतान दस्तावेज़ यह बताता है कि डिजिटल मुद्रा RBI में प्रगति पर है।” क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। शुरू में यह उतनी नहीं चली लेकिन धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो अब तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी बाजार में मौजूद हैं।
बता दें आरबीआई ने पहले बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार के सामने एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के साथ आने के अपने इरादे की घोषणा की थी, जिसके बारे में केंद्रीय बैंक को कई चिंताएं थीं। सरकार पिछले हफ्ते निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए आगे बढ़ी। केंद्रीय बैंक ने जनवरी में एक रिपोर्ट में कहा था, “फिर भी, आरबीआई इस संभावना की तलाश कर रहा है कि क्या फिएट करेंसी के डिजिटल संस्करण की जरूरत है या नहीं और फिर इसे कैसे चालू किया जाए।