India-Japan हिंद-प्रशांत क्षेत्र में China की आक्रामकता का निकालेंगे तोड़, 2+2 बैठक में बनेगा रणनीति का जोड़

India-Japan 2+2 Meet : दो देशों के बीच 2+2 संवाद के फॉर्मेट में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच आमने-सामने अहम मुद्दों पर चर्चा होती है. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, सीमा सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों के लिए इस बातचीत का खास महत्व होता है. इस सप्ताह भारत के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री इसी सिलसिले में जापान पहुंचेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) इस सप्ताह ‘टू प्लस टू’ (2+2 dialogue ) संवाद में भाग लेने के लिए जापान (Japan) जाएंगे जहां वह अपने जापानी समकक्षों के साथ वार्ता करेंगे. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि वार्ता के दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने के नए तरीके तलाशेंगे. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सात सितंबर से 10 सितंबर तक, द्वितीय भारत-जापान ‘टू प्लस टू’ मंत्रालयी बैठक में आधिकारिक तौर पर शामिल होंगे.”
बयान में कहा गया, “दौरे पर, दोनों मंत्री अपने समकक्षों के साथ रक्षा मंत्रालयी बैठक और विदेश मंत्रियों के रणनीतिक संवाद में भी हिस्सा लेंगे. इस दौरान वे जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा और विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी से बातचीत करेंगे.”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के प्रति सम्मान के साझा मूल्यों पर आधारित है. सिंह सोमवार को मंगोलिया की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए और इस दौरे की समाप्ति के बाद वह जापान जाएंगे.
वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की भारत यात्रा के पांच महीने से ज्यादा समय बाद ‘टू प्लस टू’ संवाद आयोजित किया जा रहा है. नयी दिल्ली में शिखर वार्ता के दौरान, किशिदा ने भारत में अगले पांच वर्ष तक 3,20,000 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी.
‘टू प्लस टू’ संवाद में दोनों पक्षों द्वारा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और विस्तार देने के तरीकों पर चर्चा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रम पर बातचीत करने की उम्मीद है. हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता बढ़ती जा रही है और हाल ही में चीन ने ताइवान के नज़दीक अभूतपूर्व भड़काऊ सैन्य अभ्यास किया था.