अंतर्राष्ट्रीय मंच से बिगड़े इमरान के बोल, RSS को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस को इस तरह से बनाया हथियार

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाया और मांग की कि भारत को कश्मीर में ‘अमानवीय कर्फ्यू’ हटाना चाहिए एवं सभी बंदियों को रिहा करना चाहिए। इमरान का भाषण मुख्य रूप से इस्लामोफोबिया, कश्मीर, और आरएसएस पर केंद्रित रहा। यहीं नहीं इमरान ने एक अतंराष्ट्रीय मंच से सीधे-सीधे भारत को युद्ध ही नहीं बल्कि परमाणु युद्ध की भी धमकी दे डाली। अपने लंबे भाषण में इमरान खान ने एक बार फिर युद्ध की धमकी देते हुए कहा कि यदि दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों में युद्ध होता है तो उसके नतीजे उनकी सीमाओं से परे जाएंगे।
इमरान ने अपने भाषण में भारत विरोधी बयानबाजी करने के साथ-साथ कांग्रेस का भी नाम लिया। इमरान ने कहा, ‘पिछली सरकार में कांग्रेस के गृह मंत्री ने बयान दिया था कि आरएसएस के शिविरों में आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ‘ जहां प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में शांति और सद्भावना की बात की वहीं इमरान का भाषण ठीक इसके उलट युद्ध की धमकी पर आधारित रहा।
भारत के आतंरिक मामलों में दखल देते हुए इमरान खान ने एक बार फिर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की। इमरान ने धमकी देते हुए कहा कि यदि कश्मीर से कर्फ्यू हटता है तो वहां खून की नदियां बहेंगी। इमरान ने कहा, ‘यहां तक की कांग्रेस पार्टी ने भी लोगों को घरों के अंदर कैद रखे जाने की आलोचना की है।’
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने कांग्रेस का नाम अपने संबोधन में लिया हो। इस महीने की शुरुआत में जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो डोजियर सौंपे थे उनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला के उन बयानों को शामिल किया था जो अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद दिए गए थे।
पिछले महीने ही पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र को विशेष प्रक्रिया के लिए एक पत्र लिखा था। अपने पत्र में, माजरी ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में लोग मर रहे हैं। बाद में राहुल गांधी ने अपने रुख को स्पष्ट किया और कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़का रहा है। राहुल ने कहा था कि यह भारत का आंतरिक मसला है जिसमें इस्लामाबाद के हस्तक्षेप के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस ने भी दोहराया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा।