हॉर्लिक्स को खरीदने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं ITC और नेस्ले
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ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) का कन्ज्यूमर न्यूट्रिशन बिजनस खरीदने की दौड़ में ITC के अलावा नेस्ले, यूनिलीवर, डैनोन, मॉन्डलेज, एबॉट और पेप्सिको जैसी मल्टीनैशनल कंपनियां शामिल हो सकती हैं। इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र ने कहा कि हाल ही में पैकेज्ड मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने वाली ITC को हॉर्लिक्स की खरीदारी से अपना फूड पोर्टफोलियो बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। इस बारे में ITC, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मॉन्डलेज, एबॉट और पेप्सिको के प्रवक्ता ने कोई जानकारी देने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वे मार्केट की अटकल पर टिप्पणी नहीं करते।
GSK के प्रवक्ता का कहना था, ‘हमने मंगलवार को जो घोषणा की थी उससे आगे हम कोई जानकारी नहीं दे सकते।’ कंपनी ने मंगलवार को कहा था कि वह हॉर्लिक्स सहित अपना न्यूट्रिशन प्रॉडक्ट्स बिजनस बेच सकती है। GSK अपने ग्लोबल कन्ज्यूमर हेल्थकेयर जॉइंट वेंचर में नोवार्टिस की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 13 अरब डॉलर का फंड जुटाना चाहती है। इसीलिए वह अपना न्यूट्रिशन बिजनस बेचना चाहती है। GSK को हॉर्लिक्स और अन्य न्यूट्रिशन प्रॉडक्ट्स के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा भारत से मिलता है।
दुनिया की सबसे बड़ी पैकेज्ड फूड कंपनी नेस्ले ने भारत में 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री का आंकड़ा हाल ही में पार किया है। इसके पास माइलो जैसा मॉल्ट ड्रिंक है जबकि इसी कैटिगरी में फ्रांस की कंपनी डैनॉन का प्रोटिनेक्स और एबॉट का पीडियास्योर और एनश्योर भी है। डैनॉन ने पिछले वर्ष फरवरी में कहा था कि उसने 2020 तक भारत में अपना रेवेन्यू दोगुना करने की योजना बनाई है। कंपनी हेल्थ और न्यूट्रिशन सेगमेंट में 10 प्रॉडक्ट्स लॉन्च करेगी। इंडस्ट्री से जुड़े एक एग्जिक्युटिव ने बताया कि पेप्सिको ने लगभग तीन वर्ष पहले हॉर्लिक्स को खरीदने की संभावना पर आंतरिक रूप से विचार-विमर्श किया था।
कुछ जानकारों का मानना है कि अगर कोई बड़ी पैकेज्ड फूड कंपनी हॉर्लिक्स को खरीदती है तो इससे उसको सिर्फ अपनी सेल्स बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि हॉर्लिक्स की ग्रोथ पिछले 2-3 वर्षों से धीमी बनी हुई है। कोटक सिक्यॉरिटीज के रोहित चोरडिया, जयकुमार दोशी और अनिकेत सेठी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘पिछले तीन वर्षों में कमजोर ग्रोथ के बावजूद मिल्क-फूड-ड्रिंक भारत में ग्रोथ वाली कैटिगरी बनी रह सकती है। GSK के इन ब्रैंड्स में बड़ी फूड कंपनियां दिलचस्पी ले सकती हैं।’ GSK कन्ज्यूमर को भारत से मिलने वाले रेवेन्यू में हॉर्लिक्स की हिस्सेदारी तीन-चौथाई की है।