HDFC Capital में अपनी 10% हिस्सेदारी बेचेगी एचडीएफसी, ADIA के साथ 184 करोड़ रुपये का किया सौदा
नई दिल्ली। एचडीएफसी लिमिटेड ने बुधवार को अपनी निजी इक्विटी शाखा एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी को बेचने की घोषणा की है। यह सौदा करीब 184 करोड़ रुपये का है। बता दें कि एडीआईए 3 अरब अमेरिकी डॉलर-एचडीएफसी कैपिटल द्वारा प्रबंधित वैकल्पिक निवेश कोष में प्राथमिक निवेशक भी है।
एचडीएफसी लिमिटेड ने बयान में कहा कि 2016 में स्थापित एचडीएफसी कैपिटल, एचडीएफसी कैपिटल अफोर्डेबल रियल एस्टेट फंड 1, 2 और 3 की निवेश प्रबंधक है। इसके साथ ही, आवास आपूर्ति बढ़ाने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है। यह प्रधानमंत्री आवास योजना- ‘सभी के लिए आवास’ पहल का समर्थन करती है।
बयान में कहा गया कि एचडीएफसी कैपिटल द्वारा प्रबंधित फंड शुरुआती चरण की फंडिंग सहित किफायती और मध्यम आय वाले आवास परियोजनाओं की लाइफ साइकिल के लिए लॉन्ग-टर्म तथा फ्लेक्सिबल फंडिंग प्रदान करते हैं। इसके अलावा, फंड किफायती आवास पारिस्थितिकी तंत्र में लगी फिन-टेक और क्लीन-टेक जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश करेंगे।
इस महीने की शुरुआत में एचडीएफसी ने देश के सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक के साथ कंपनी के विलय की घोषणा की थी। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, एक बार सौदा प्रभावी होने के बाद एचडीएफसी बैंक 100 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व वाली कंपनी होगी और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा।
एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि एडीआईए का निवेश एचडीएफसी कैपिटल को एडीआईए की वैश्विक विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा। यह एचडीएफसी कैपिटल को रियल एस्टेट और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र में कई रणनीतियों तथा परिसंपत्ति वर्गों में वैश्विक एवं स्थानीय निवेशकों के लिए एक अग्रणी निवेश मंच बनने के लिए प्रेरित करेगा।
वहीं, एडीआईए में रियल एस्टेट विभाग के कार्यकारी निदेशक मोहम्मद अलकुबैसी ने कहा कि एचडीएफसी कैपिटल देश भर में नए आवासीय स्टॉक के विकास का समर्थन करने के स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड के साथ किफायती आवास परियोजना वित्त का अग्रणी प्रदाता है।
बयान के अनुसार, एचडीएफसी कैपिटल का लक्ष्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए इनोवेटिव फाइनेंसिंग, साझेदारी और प्रौद्योगिकी के संयोजन के माध्यम से भारत में एक मिलियन किफायती घरों के विकास को वित्तपोषित करना है।