गुंडों का कोई मानवाधिकार नहीं होता : शिवराज सिंह चौहान
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भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को पुलिस द्वारा मनचलों और गुंडों का जूलूस निकालने व उठक-बैठक लगवाए जाने को जायज ठहराते हुए कहा है कि गुंडों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है. राजधानी भोपाल में पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए शुक्रवार सुबह को आयोजित ‘वॉक-ए-कॉज’ कार्यक्रम में सीएम चौहान ने कहा कि महिला अपराध में राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस रखती है. पुलिस को अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के सभी अधिकार हैं. उन्होंने मानवाधिकार के समर्थकों पर हमला बोलते हुए कहा कि गुंडों का कोई मानवाधिकार नहीं होता, कथित मानवाधिकार के पक्षधर भी इस बात को जान लें. महिला सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. बेटियों से जगह-जगह छेड़छाड़ करें और उनका घर से निकलना मुश्किल कर दें, ऐसे गुंडों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है.
लड़कों को सिखाएं बेटियों की इज्जत करना- शिवराज
इस मौके पर सीएम ने कहा कि बेटियों के खिलाफ अपराध पर अफसरों को कार्रवाई की खुली छूट है. बेटियों को आज भी कोख में मार दिया जाता है. हमें बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना पड़ेगा. हमारी बेटियां बेहतरीन काम कर रही है. सीएम ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ कोई अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस को ये अधिकार है कि वो बेटियों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाए. साथ ही सीएम ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा समाज की भी जिम्मेदारी है और इसलिए ज़रूरी है कि लड़कों को घरों में बेटियों की इज्जत करना सिखाना चाहिए. ‘वॉक-ए-कॉज’ कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, पुलिस महानिरीक्षक जयदीप प्रसाद सहित बड़ी संख्या में महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं ने भी हिस्सा लिया. राजधानी के वीआईपी रोड पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने किन्नर भी पहुंचे और पुलिस की पहल को जायज ठहराया.