श्रिया पिलगांवकर और वरुण मित्रा की कोर्ट रूम ड्रामा सीरीज देख गिल्ट नहीं होगा
नई दिल्ली। सिनेमा में लीगल या कोर्ट रूम ड्रामा फिल्मों का लम्बा इतिहास रहा है, जिनके जरिए कई दिलचस्प कहानियां दिखायी गयी हैं। अब वही परम्परा ओटीटी स्पेस में नये-नये कोर्ट रूम ड्रामा के साथ आगे बढ़ रही है। मिर्जापुर और पाताल लोक जैसी क्राइम सीरीज लाने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो ने अपनी पहली कोर्ट रूम ड्रामा सीरीज गिल्टी माइंड्स रिलीज कर दी है।
गिल्टी माइंड्स का निर्देशन शेफाली भूषण ने किया है। गिल्टी माइंड्स 10 एपिसोड की सीरीज है, जिसमें वकीलों की प्रोफेशनल लाइफ के बीच उनकी निजी जिंदगी की धींगामुश्ती दिखायी गयी है। किसी भी कोर्ट रूम ड्रामा का रोमांच वकीलों के बीच होने वाली अदालती बहस और तकरार होती है, मगर गिल्टी माइंड्स में कोर्ट केसों और मुख्य किरदारों की निजी जिंदगी साथ-साथ चलती है, जैसे कि इस पेशे से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति की जिंदगी में होता होगा। गिल्टी माइंड्स का सबसे उल्लेखनीय पहलू यही है।
गिल्टी माइंड्स सीरीज अपने शीर्षक के अनुसार, विभिन्न चरित्रों के माध्यम से कहीं ना कहीं मानवीय स्वभाव के उस पहलू को भी प्रतिविम्बित करती है, जिसमें अपराध बोध अवचेतन मस्तिष्क में रहते हैं और कई बार इसका असर जाने-अनजाने व्यवहारिक रूप से भी सामने आता है। गिल्टी माइंड्स सीरीज में अदालती मामलों को सामयिक रखा गया है। कास्टिंग काउच से लेकर हिंसक गेम्स के मकड़जाल में फंसकर अपराध करते बच्चे और युवा जैसे विषयों को विभिन्न केसों के जरिए पेश किया गया है।
अदालत में इन केसों की बहस के दौरान नतीजे नायक या प्रतिनायक यह तय नहीं करते। सीरीज की मुख्य किरदार कशफ को भी केस हारते हुए दिखाया गया है। गिल्टी माइंड्स एक प्रैक्टिल एप्रोच रखने वाला कोर्ट रूम ड्रामा कही जा सकती है, जहां अदालत की हार-जीत जीवन का हिस्सा है।
दिल्ली की कानूनी दुनिया में स्थापित कहानी के केंद्र में दो विपरीत विचारधाराओं वाले युवा वकील हैं। पेशे और जिंदगी के प्रति दोनों का नजरिया अलग है। दीपक राणा एक हाइ प्रोफाइल लॉ खन्ना एंड खन्ना एसोसिएट्स फर्म से जुड़ा है, जिसका मालिक सीनियर एडवोकेट एलएन खन्ना है। महत्वाकांक्षी दीपक का केस चुनने में उसका कोई नैतिक पैमाना नहीं है। वहीं, कशफ काजे आदर्शवादी सोच रखती है और केस चुनते वक्त उसके मानवीय पहलू को पहले रखती है।
कशफ अपनी कॉलेज फ्रेंड वंदना के साथ लॉ फर्म चलाती है, जो बहुत बड़ी नहीं है। उसके पिता मुनव्वर काजे सुप्रीम कोर्ट में जज हैं। दीपक और कशफ एक ही लॉ कॉलेज के पासआउट हैं। दोनों को एक-दूसर के प्रति आकर्षित रहे हैं। इन दोनों की कहानी में तड़का लगाने के लिए एक अहम किरदार और है- दीपक की नई जूनियर शुभांगी खन्ना, जो लॉ फर्म की वारिसों में से एक है। वहीं, शुभांगी का कजिन शुभ्रत खन्ना फर्म में दीपक का सबसे बड़ा दुश्मन है।
गिल्टी माइंड्स की शुरुआत धीमी होती है, मगर धीरे-धीरे सीरीज गति पकड़ती है। पहले एपिसोड में सभी प्रमुख किरदारों का परिचय हो जाता है और कास्टिंग काउच के केस से सीरीज ओपन होती है। फिल्म इंडस्ट्री में इस मुद्दे को लेकर इतना कुछ कहा और देखा जा चुका है कि कुछ नया बाकी नहीं है। अंतत: पहला एपिसोड सेक्शन 375 और पिंक जैसी फिल्मों की छाया लगता है।
इस एपिसोड में करिश्मा तन्ना ने सुपर स्टार की भूमिका निभायी है, जो मी-टू की लहर से प्रभावित होकर एक वेटरन फिल्ममेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाती है। करिश्मा का केस कई के बेहद सीरीज सीरीज कास्टिंग काउच के ए मुद्दे पर केस के साथ शुरू होती है। करिश्मा तन्ना माला नाम की सुपर स्टार के रोल में हैं, जो एक मशहूर फिल्ममेकर पर यौन शोषण का आरोप लगता है।
आगे के एपिसोड्स में कुछ दिलचस्प मामले दिखाये गये हैं, जिनमें ब्लू व्हेल जैसे हिंसा के लिए प्रेरित वर्चुअल गेमिंग की लत का शिकार युवा या अपने मुनाफे के लिए सूखा ग्रसित गांव से पानी खींचती कोला कम्पनी या कामकाजी जगहों पर महिलाओं के साथ होने वाली नाइंसाफी जैसे सामयिक मुद्दे शामिल हैं। एक जुझारू, युवा और कमजोर तबके के लिए समर्पित वकील के किरदार में श्रिया पिलगांवकर पर्दे पर संजीदा दिखी हैं।
वहीं, नौजवान और महत्वाकांक्षी वकील के किरदार में वरुण मित्रा की अदाकारी ठीक है। सहयोगी कलाकारों में नम्रता शेठ और सुगंधा गर्ग ने मुख्य किरदारों को उभारने में मदद की है। वरिष्ठ कलाकारों कुलभूषण खरबंदा, शक्ति कपूर, सतीश कौशिक और बेंजामिन गिलानी ने किरदारों और कहानी को वजन दिया है।
सीरीज में दिल्ली की अदालतों को जिस तरह से दिखाया गया है, वो वास्तविकता के करीब लगता है। इसके लिए प्रोडक्शन डिजाइन विभाग और निर्देशक शेफाली भूषण को बधाई देनी होगी। दृश्यों के संयोजन में शेफाली का सधा हुआ नियंत्रण साफ दिखता है। गिल्टी माइंड्स भले ही कोर्ट रूम ड्रामा जॉनर का प्रतिनिधित्व करती है, मगर ड्रामा की उम्मीद में सीरीज से ना रखें।